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असम में बोले अमित शाह, एक भी घुसपैठिए को देश में रहने नहीं देंगे, हमारा वादा है

असम एनआरसी, पूर्वोत्तर में घुसपैठियों की समस्या पर गृह मंत्री ने कहा कि देश में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया तयशुदा वक्त में पूरी हुई है.

गृह मंत्री अमित शाह (फोटो-एएनआई) गृह मंत्री अमित शाह (फोटो-एएनआई)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:56 PM IST

  • एक भी घुसपैठिए को देश में नहीं रहने देंगे- अमित शाह
  • एनआरसी प्रक्रिया समय पर पूरी हुई- अमित शाह
  • गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में शामिल हुए गृह मंत्री

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं दिया जाएगा. अवैध अप्रवासियों की समस्या पर अमित शाह ने कहा कि भारत की धरती पर एक भी अवैध अप्रवासी को ठहरने नहीं दिया जाएगा. अमित शाह गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद के 68वीं पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे. गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर परिषद के चेयरमैन भी हैं. इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए.

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असम एनआरसी, पूर्वोत्तर में घुसपैठियों की समस्या पर गृह मंत्री ने कहा कि देश में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया तयशुदा वक्त में पूरी हुई है. अमित शाह ने कहा, "नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) पर कई लोगों ने कई तरह के सवाल उठाए हैं, मैं स्पष्ट रूप से कह देना चाहता हूं कि एक भी अवैध अप्रवासी को भारत सरकार देश में नहीं रहने देगी. ये हमारा वादा है." 31 अगस्त को जारी एनआरसी पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि इसे शेड्यूल के मुताबिक पूरा किया गया है.

बता दें कि एनआरसी में नाम डलवाने के लिए 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 लोगों ने आवेदन दिया था. दस्तावेजों की जांच के बाद 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों के नाम इस सूची में आए. कुल मिलाकर 19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम एनआरसी से बाहर है. असम सरकार ने कहा है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल के सामने अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.

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अमित शाह ने असम से संबंधित अनुच्छेद 371 का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 371 संविधान की विशेष व्यवस्था है और बीजेपी सरकार इसका सम्मान करती है और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा.

अमित शाह ने कहा कि उत्तर पूर्व और शेष भारत का जुड़ाव पुरातन काल से है जिसका जिक्र महाभारत के समय से मिलता है, किंतु गुलामी के कालखंड के अंदर यहां का स्वरूप बिगाड़ा गया. उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने विकास को गति दी और आजादी के बाद बाकी देश के 70 साल के विकास की तुलना में उत्तर-पूर्व का 5 साल का विकास कहीं अधिक है और आज उत्तर-पूर्व विकास के लिए जाना जाता है.

गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर-पूर्व का विकास मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है, और जो विकास यात्रा 2014 में यात्रा शुरू की गई है, 2022 आते-आते पूर्णता को प्राप्त करेगी. अमित शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व के ये 8 राज्य नहीं बल्कि अष्टलक्ष्मी हैं जो संपूर्ण भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. अमित शाह ने कहा कि जो गांव विकास में पीछे हैं उन्हें साथ में शामिल करना होगा क्योंकि जब गांव विकसित होंगे, जिले विकसित होंगे तब राज्य विकसित होगा और तभी समग्र रूप से देश विकसित होगा.

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उन्होंने बताया कि 2022 तक उत्तर-पूर्व के सभी 8 राज्य रेल तथा वायु कनेक्टिविटी से जुड जाएंगे. उन्होंने कहा कि 13वें फाइनेंस कमीशन में उत्तर-पूर्व का बजट 3376 करोड़ था जिसे नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद 14वें फाइनेंस कमीशन में 1.5 गुना बढाकर 5053 करोड़ रुपये किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि एनईसी बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा अति पिछडे तथा अविकसित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा.

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