
केंद्रीय गृह मंत्रालय में सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में ‘कीपैड जिहादियों’ से बढ़ते खतरे को लेकर विचार किया गया. गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख राजीव जैन, खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने हिस्सा लिया.
ऑनलाइन कट्टरता फैलाने वाले ‘कीपैड जिहादियों’ से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रणनीति बनाना बैठक का मुख्य एजेंडा था. अमरनाथ यात्रा को देखते हुए इस तरह के देशविरोधी तत्वों की ऑनलाइन गतिविधियों को लेकर खास सतर्कता बरतने का फैसला किया गया.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अल क़ायदा, ISIS और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने इंटरनेट पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा छेड़ रखा है. साथ ही ये देश के युवाओं को बरगला कर अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
तीन हालिया घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की खास तौर पर चिंता बढ़ाई. इनमें पहली घटना कुछ ऑडियो को लेकर है जो ISIS के टेलीग्राम चैनल पर रिलीज किए गए. इन ऑडियो में कठुआ में रेप की घटना का जिक्र किया गया.
दूसरी घटना एक और टेलीग्राम चैनल से संबंधित है. इसमें हिजबुल मुजाहिदीन के 12 आतंकियों के बारे में कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद जल्दी इसका बदला लेगा.
तीसरी घटना एक और टेलीग्राम चैनल पर मुस्लिम युवकों को ऑनलाइन ब्रेनवॉश कर आतंकियों के तौर पर भर्ती करना है जिससे अल कायदा को मजबूत किया जा सके.