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2015 में गर्मी ने 2081 लोगों की ली थी जान, इस साल ऐसे हैं हालात

लोकसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी से सबसे ज्यादा मौतें 2015 में हुई. इस साल 2081 लोगों की जान गई. 2015 से 2018 तक गर्मी से मरने वालों की संख्या में कमी आती चली गई. हीट वेव के मामले तो बढ़े लेकिन लोगों की मौत कम हुई. सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 49 सालों में देश ने 1669 हीट वेव के थपेड़े झेले हैं. इसकी वजह से 16591 लोगों की मौत हुई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (रायटर्स) प्रतीकात्मक तस्वीर (रायटर्स)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2019,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

देश के 15 राज्यों की करीब 72 करोड़ की आबादी गर्मी से परेशान है. इन राज्यों में पारा 40 से 50 डिग्री के बीच है. दक्षिण भारत में मॉनसून की आमद तो हो गई है लेकिन अभी उत्तर भारत के पसीने छूट रहे हैं. लेकिन इस बार गर्मी एक राहत की खबर भी लाई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 49 सालों में देश ने 1669 हीट वेव के थपेड़े झेले हैं. इसकी वजह से 16,591 लोगों की मौत हुई है.

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लोकसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी की वजह से सबसे ज्यादा मौतें 2015 में हुई. 2015 में 2081 लोगों की जान गई. 2015 से 2018  तक गर्मी से मरने वालों की संख्या में कमी आती चली गई. हीट वेव के मामले तो बढ़े लेकिन लोगों की मौत कम हुई. 2016 में 37 हीट वेव और 700 मौतें, 2017 में 524 हीट वेव और 375 मौतें और 2018 में 484 हीट वेव और 27 मौतें. इस साल यानी 2019 में अब तक करीब 12 मौतों की खबरें आ रही है. लेकिन हीट वेव के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.

ऐसा हुआ है मौसम विभाग, एनडीआरएफ और विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों की पूर्व चेतावनी की वजह से. भारतीय मौसम विभाग की मानें तो अभी मैदानी इलाकों में औसत अधिकतम तापमान 40 डिग्री, तटीय इलाकों में 37 और पहा़ड़ों पर 30 डिग्री चल रहा है. ग्लोबल वॉर्मिंग और मॉनसून में देरी की वजह से लगातार गर्मी बढ़ रही है.

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2010 से 2018 तक हीट वेव और उनसे हुई मौतें

साल    हीट वेव    मौतें

2010     21    236

2011    04    12

2012    37    729

2013    14    1433

2014    30    548

2015    35    2081

2016    37    700

2017    524    375

2018    484    27

49 सालों में कब कितनी बार हीट वेव का कहर

1970 से 79 के बीच 44, 1980 से 89 तक 82, 1990 से 99 तक 131 और 2000 से 09 तक 226 बार हीट वेव आई. फिर 2010 से लेकर 2018 तक देश में 1186 बार हीट वेव आई. सबसे ज्यादा हीट वेव के मामले पिछले दो सालों में ही देखने को मिले हैं. 2017 में 524 और 2018 में 484 बार देश ने हीट वेव का सामना किया.

ये हैं देश के सबसे गर्म राज्य, कहते हैं कोर हीट वेव जोन

देश को गर्मी के आधार पर कई जोन में बांटा गया है. सबसे खतरनाक है कोर हीट वेव जोन है. इसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना राज्य आते हैं. इसके अलावा मराठवाड़ा, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र और तटीय आंध्र प्रदेश भी इसी जोन में शामिल हैं.

पिछले 24 घंटों के दौरान 10 सबसे अधिक तापमान वाले शहर

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  • श्रीगंगानगर (राजस्थान) - 48.5
  • चूरु (राजस्थान) - 48.3
  • कोटा (राजस्थान) - 48.3
  • बीकानेर (राजस्थान) - 48.1
  • बांदा (उत्तर प्रदेश) - 48.0
  • फलोदी (राजस्थान) - 48.0
  • नौगांव (मध्यप्रदेश) - 47.9
  • सवाई माधोपुर (राजस्थान) - 47.8
  • खजुराहो (मध्यप्रदेश) - 47.6
  • झांसी (उत्तर प्रदेश) - 47.5

राहत की बारिश अभी सिर्फ केरल, कर्नाटक, अंडमान में

अगले 24 घंटों में केरल, कर्नाटक और अंडमान-निकोबार में मध्यम या तेज बारिश हो सकती है. नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, कोंकण-गोवा, मध्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मराठवाड़, विदर्भ, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर में मध्यम से हल्की बारिश होने की उम्मीद है.

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