
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल और राज्य के सभी हाईवे के किनारे शराब बेचने पर लगी पाबंदी के बाद सड़क किनारे बने तमाम ढाबों और होटलों में सन्नाटा पसर गया है. शराब बेचने पर लगी पाबंदी के बाद न सिर्फ राज्यों को बल्कि होटल व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों के व्यवसाय पर असर दिखाई देने लगा है. हालांकि एक तबका सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के पक्ष में भी खड़ा दिखाई दे रहा है, लेकिन एक बड़ा तबका इस फैसले से कमाई पर पड़े असर के चलते विरोध करता भी नजर आ रहा है.
चंडीगढ़ में जहां होटल और रेस्टोरेंट कारोबारी सड़क पर प्रदर्शन करते नजर आए तो वहीं मुजफ्फरनगर के पास तमाम हाइवे के किनारे बने ढाबे और होटलों पर सन्नाटा नजर आया. इन ढाबों और होटलों के आसपास देशी और विदेशी शराब की दुकानें हुआ करती थीं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लग गई है, नतीजन इन छोटे-छोटे ढाबों और होटलों में यात्रियों का आना कम हो गया है.
मुजफ्फरनगर में ढाबा चलाने वाले सुच्चा सिंह का कहना है कि 31 मार्च की रात के बाद से उनके ढाबे पर ट्रक ड्राइवरों से लेकर आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी हुई है. कहां तो उन का ढाबा खचाखच भरा रहता था लेकिन शराबबंदी के बाद दिन के अलावा रात में भी यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है.
सुच्चा सिंह के साथ ही राजेंद्र कुमार भी दिल्ली मुजफ्फरनगर हाईवे के किनारे अपना ढाबा चलाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनके ढाबे पर भी यात्रियों की संख्या में कमी देखी गई है. राजेंद्र कुमार का कहना है पहले ज्यादा मुसाफिर आते थे. लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से अब वह संख्या बेहद कम हो गई है, जिससे उनके ढाबे के व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है.
राजेंद्र कुमार कहते हैं उन के ढाबे पर कुल 8 लोग काम करते हैं, ऐसे में कमाई कम होने से उन्हें अपने ढाबे पर काम करने वाले लोगों की संख्या में कटौती करनी पड़ेगी. कुछ ऐसा ही मानना सुच्चा सिंह का भी है. सुप्रीम कोर्ट केस शराबबंदी के इस आदेश के बाद राज्य और राष्ट्रीय हाईवे के आसपास तमाम होटल और रेस्टोरेंट में लगभग यही तस्वीर दिखाई दे रही है. राज्य सरकारों को जहां भारी घाटा हो सकता है वहीं होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर भी टूटती नजर आ रही है.