
आर्टिकल 370 हटाने और लद्दाख व जम्मू-कश्मीर के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के ऐलान के बाद मोदी सरकार अगले कदम की ओर बढ़ गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को श्रीनगर भेजा गया है, जो वहां सुरक्षा स्थिति और नए प्रशासन के गठन का मामला संभालेंगे. मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यही है कि इस फैसले के लागू होने से स्थानीय नागरिकों को कोई परेशानी न झेलनी पड़े.
इसी वजह से एनएसए अजीत डोभाल श्रीनगर में हैं और जमीनी स्थिति को संभालने की बागडोर उन्हीं के कंधों पर है. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया, 'एनएसए श्रीनगर में हैं ताकि आगे के फैसलों को लागू किया जा सके, जिससे कश्मीर में नए प्रशासन का गठन किया जा सके. साथ ही सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ सुरक्षा की स्थिति पर सामंजस्य बैठाया जा सके.'
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने पहले ही उन इलाकों और मुद्दों की पहचान कर ली है, जहां चिंता पैदा हो सकती है. साथ ही बाकी मुद्दों की भी अगले कुछ दिनों या हफ्तों में पहचान कर ली जाएगी. वहीं पाकिस्तान भी इस मुद्दे को अंतराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करेगा और मोदी सरकार ने इससे निपटने का भी प्लान तैयार कर लिया है. अगले कुछ दिनों में भारत के राजनयिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर भारत का रुख बताएंगे. वहीं अशांति और पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा उकसाने के किसी भी प्रयास से निपटने के लिए 10 हजार अतिरिक्त जवानों और मौजूदा सुरक्षा बल को तैनात किया गया है.
सूत्रों ने कहा कि एनएसए अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने का पूरा मामला देखेंगे. अब कानून एवं व्यवस्था, जमीन और ब्यूरोक्रेसी का जिम्मा केंद्र सरकार के पास आ जाएगा. एनएसए अजीत डोभाल सभी स्टेकहोल्डर्स, ब्यूरोक्रेसी और सुरक्षा बलों से दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक गठन का ढांचा तैयार करने पर बात करेंगे.
ऐसा हो सकता है ढांचा
इस ढांचे को तैयार करने के लिए दिल्ली मॉडल का सहारा लिया जाएगा. इसके तहत राज्य की पुलिस केंद्र के अधीन होगी और राज्य के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करेगी. नए सेट अप के मुताबिक जमीन, पुलिस और सिविल सर्विसेज भी केंद्र के अधीन होगी. संसद में मोदी सरकार के आर्टिकल 370 को हटाए जाने के ऐलान के बाद सेना और वायुसेना हाई अलर्ट पर हैं. जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर एनएसए डोभाल लगातार नजर बनाए हुए हैं.
सुरक्षाबलों को उम्मीद है कि अलगाववादी युवाओं को भड़काने की कोशिश कर सकते हैं. कश्मीर में केंद्र सरकार लगातार जवानों की संख्या बढ़ा रही है. 8 हजार सीआरपीएफ जवानों को देश के विभिन्न हिस्सों से सी-17 विमान के जरिए श्रीनगर लाया जा रहा है. एहतियात के तौर पर सुरक्षाबल सीमा पर पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों पर भी नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल पाकिस्तानी एयरफोर्स या सेना की ओर से कोई गतिविधि नजर नहीं आई है.