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पति ने व्हाट्सऐप पर दिया तीन तलाक, इंसाफ के लिए दिल्ली में भटक रही पत्नी

तलाक, तलाक, तलाक ...तसनीम की जिंदगी में इस शब्द ने जहर घोल कर रख दिया है. उसके पति ने सऊदी अरब से उसे एक ही झटके में व्हाट्सऐप पर तीन तलाक दे दिया.

तीन तलाक पीड़ि‍ता तसनीम तीन तलाक पीड़ि‍ता तसनीम
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

तलाक, तलाक, तलाक ...तसनीम की जिंदगी में इस शब्द ने जहर घोल कर रख दिया है. उसके पति ने सऊदी अरब से उसे एक ही झटके में व्हाट्सऐप पर तीन तलाक दे दिया. उसके बाद से ही तसनीम और उसके बच्चे दर-बदर भटक रहे हैं. यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले की तसनीम ने दिल्ली आकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, सिद्धार्थ नगर के सांसद जगदंबिका पाल ने भी तसनीम की मदद करने के लिए सुषमा स्वराज को चिट्ठी लिखी है.

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अपने घर से दूर तसनीम आज दिल्ली के गलियारों में दर-दर भटक रही है. कड़वा सच तो यह है कि तसनीम का अपना घर ही नहीं रह गया है, क्योंकि उसके ससुराल वालों ने उसको निकालकर बाहर फेंक दिया है. साथ में उसके दो बच्चे हैं, एक बेटी और एक बेटा. बेटा तो ठीक से चल भी नहीं पाता, लेकिन आज न तसनीम के पास उसके इलाज के लिए पैसे हैं और न ही बच्चों की परवरिश के लिए कोई आसरा या इंतजाम. और यही वजह है कि हैरान परेशान तसनीम सिद्धार्थनगर से दिल्ली चली आई, इस उम्मीद में कि कोई उसकी गुहार सुनेगा.

तसनीम ने रोते हुए कहा, 'मेरे बच्चे का भी इलाज नहीं हो पा रहा है. फरीद सऊदी अरब से वापस आएंगे, तभी कुछ बात आगे बढ़ेगी. हमारे पास अब खाने या रहने को कुछ नहीं है.'

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पति ने दिया धोखा

दरअसल तसनीम की करीब 6 साल पहले शादी हुई थी. घर की लाडली तस्लीम की जिंदगी को सुरक्षित करने के लिए उसके भाइयों ने उसके शौहर फरीद की तालीम पर भी पैसा खर्च किया, लेकिन किसे पता था कि फरीद इतना बेवफा निकलेगा. अपनी तालीम पूरी करके फरीद सऊदी अरब काम करने के लिए गया. पिछले साल उसको वापस लौटना था, मगर वह वापस नहीं आया. उसके बदले में आया WhatsApp पर तलाक, तलाक, तलाक का संदेश....

तसनीम ने फरीद के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया, लेकिन सात समंदर पार सऊदी अरब में मौज ले रहे फरीद के कान में जूं तक नहीं रेंगी. उल्टा तस्लीम को कोर्ट-कचहरी का चक्कर काटने में ही सारा वक्त लग जाता है. अब वह चाहती है कि फरीद को वापस भारत भेजा लाया जाए, ताकि फरीद को उसके गुनाहों की सज़ा मिले. यही वजह है कि वह बड़ी उम्मीद लेकर दिल्ली आई है और उसकी मदद सिद्धार्थ नगर से भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने की.

सांसद जगदंबिका पाल की चिट्ठी से तसनीम को उम्मीद बंधी है कि शायद उसको इंसाफ मिलेगा . दरअसल तीन तलाक की इस लड़ाई में तसनीम अकेली नहीं है. न जाने कितनी लड़कियों के गुनाहगार यूं उनको छोड़ के विदेश में बैठे है और फिर एक ही झटके में व्हाट्सऐप, ईमेल या एसएमएस के जरिए तीन तलाक का कहर इन लड़कियों की जिंदगी को तबाह कर रहा है.

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