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बैंकों से 9000 करोड़ का लोन लेकर अचानक देश छोड़ने वाले बिजनेसमैन विजय माल्या ने शुक्रवार सुबह ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि वह भगोड़े नहीं है. उन्होंने कहा कि वह एक अंतरराष्ट्रीय कारोबारी हैं और अक्सर विदेश यात्राएं करते रहते हैं. दूसरी तरफ सीबीआई भी माल्या के बचाव में उतर गई है.
सीबीआई ने कहा कि माल्या इससे पहले भी दो-तीन बार विदेश जा चुके हैं और वापस आए हैं. उन्हें जब भी जांच के लिए बुलाया गया है माल्या ने पूरा सहयोग किया है. माल्या को पहले ही हिरासत में लेने को लेकर सीबीआई ने कहा कि माल्या राज्यसभा सांसद हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक किसी सांसद को शुरुआती जांच के दौरान हिरासत में नहीं लिया जा सकता है.
माल्या ने ट्वीट करके कहा, 'मैं भागा नहीं हूं, न मैं भगोड़ा हूं. मैं अंतरराष्ट्रीय कारोबारी हूं. विदेश आता-जाता रहता हूं.' उन्होंने कहा कि मीडिया में उन्हें जबरन फ्रेम किया जा रहा है.
विजय माल्या ने ट्वीट करके कहा, 'मैं एक सांसद हूं और मुझे कानून पर भरोसा है. हमारी कानून व्यवस्था मजबूत है और मैं उसका सम्मान करता हूं.'
माल्या ने मीडिया को आड़े हाथ लिया
बिजनेसमैन विजय माल्या ने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने अपने ट्वीट किया कि मीडिया मालिकों को वह दिन नहीं भूलना चाहिए जब उन्होंने मीडिया की मदद की थी. साथ ही यह भी कहा कि एक बार मीडिया अगर शिकार शुरू कर दे तो फिर सच भी दब जाता है.
SBI समेत 17 बैंकों से लिया था लोन
बता दें कि विजय माल्या के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है. किंगफिशर एयरलाइंस के घाटे में जाने के बाद वो लोन की ये रकम चुकाने में नाकामयाब रहे. मामला लाइमलाइट में आने के बाद बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि बाद में जानकारी मिली कि माल्या 2 मार्च को ही देश से जा चुके हैं.
CBI ने लुकआउट नोटिस में किया था बदलाव
माल्या के विदेश भागने के बाद से विवादों में घिरी सीबीआई पर एक और आफत आ गई है. अब सीबीआई के एक अधिकारी ने खुलासा किया है कि विजय माल्या को जारी हुए लुकआउट नोटिस के साथ सीबीआई ने छेड़छाड़ की थी. विजय माल्या को जो लुकआउट नोटिस जारी किया गया था उसमें माल्या को हिरासत में लेने की बात थी, लेकिन सीबीआई ने इसे 'इनफर्म' में बदल दिया. हालांकि अधिकारी ने अपने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर यह जानकारी दी.