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सिद्धू बोले- कैप्टन से मतभेद नहीं, विरोधियों पर चुप रहूंगा

सिद्धू ने कहा, उन्होंने फिक्स मैच वाली टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया. कोई भी मेरे विभाग के कामकाज पर सवाल नहीं उठा सकता.

नवजोत सिंह सिद्धू। नवजोत सिंह सिद्धू।
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2019,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अपने रिश्तों पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह और मेरे बीच कोई मतभेद नहीं है. सिद्धू ने कहा, उन्होंने फिक्स मैच वाली टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया. कोई भी मेरे विभाग के कामकाज पर सवाल नहीं उठा सकता. मैंने जो किया, उसके लिए मैं सिर्फ पंजाब के लोगों के प्रति उत्तरदायी हूं.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने कहा, ''मैंने टीवी पर 20 साल काम किया. आज पंजाब के लिए खड़ा हूं. डिपार्टमेंट बदले जाने के सवाल पर सिद्धू ने कहा कि यह भी कैप्टन का फैसला होगा. उन्होंने कहा, जो मंत्री मेरा विरोध करते हैं, उनके खिलाफ मैं कुछ नहीं बोलूंगा. सभी मेरे भाई हैं''.

उन्होंने कहा, ''मेरे लिए कई बार गालियां निकलवाई गईं. लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं बोला''. पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह पर सिद्धू ने कहा कि यह जनता का फैसला है. उस पर हमें अभिवादन करना होता है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू शायराना अंदाज में तंज भरे ट्वीट कर रहे थे. पंजाब में वह सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता हैं. उनके 6.27 लाख फॉलोअर्स हैं.

17 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बठिंडा में कहा था कि कांग्रेस और अकाली दल फ्रेंडली मैच खेल रहे हैं और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके परिवार के खिलाफ बेअदबी मामले में कोई एक्शन नहीं लिया. उनके इस बयान का चौतरफा विरोध हुआ, जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल थे. कई मंत्रियों ने सिद्धू को कैबिनेट से हटाने की भी मांग की.

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अमरिंदर सिंह ने कहा कि चुनावों में कांग्रेस शहरी इलाकों में अच्छा नहीं कर पाई. यह विभाग सिद्धू संभालते हैं. अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिद्धू का विभाग बदला जा सकता है.

चुनावों के नतीजे आने के बाद सिद्धू ने 25 मई की शाम को एक ट्वीट किया था. इसके बाद 28 मई और बुधवार दोपहर भी उन्होंने ट्वीट किया. इन ट्वीट पर कांग्रेस नेताओं ने कहा, पार्टी नेता सिद्धू के ट्वीट का मतलब नहीं समझ नहीं पा रहे हैं कि वह किस पर निशाना साध रहे हैं या क्या कहना चाहते हैं. इस पर पार्टी हाईकमान को ही संज्ञान लेना चाहिए.

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