
बालाकोट एयरस्ट्राइक की पहली बरसी पर बुधवार को वायु सेना प्रमुख (एयर चीफ मार्शल) आरएसके भदौरिया ने श्रीनगर में मिग-21 में उड़ान भरी. वायु सेना प्रमुख ने 51 स्क्वाड्रन के साथ मिग-21 बाइसन में उड़ान भरी. 51 स्क्वाड्रन वही यूनिट है जिसने बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था. उस वक्त सुर्खियों में आए विंग कमांडर अभिनंदन इसी यूनिट से जुड़े थे और वे मिग-21 बाइसन उड़ा रहे थे.
वायुसेना प्रमुख आरएसके भदौरिया 28 फरवरी को दिल्ली में डीआरडीओ भवन में एक सेमिनार को संबोधित करेंगे. इस सेमिनार का शीर्षक है-इंडियन एयर फोर्स: नो वॉर, नो पीस. भदौरिया इस सेमिनार में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में जानकारी दे सकते हैं. उस दिन वायुसेना ने किस प्रकार अपनी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया था, वे इस पर प्रकाश डाल सकते हैं.
बता दें, बालाकोट एयरस्ट्राइक के वक्त वायुसेना की कमान बीएस धनोओ संभाल रहे थे. उस वक्त पाकिस्तान को दिए करारे जवाब पर धनोआ ने बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, एक साल बीत गए और जब हम पीछे देखते हैं तो हमें संतुष्टि होती है. बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है, कई चीजें उसके बाद अमल में लाई गई हैं. धनोआ ने कहा, उस घटना के बाद मूल रूप से हमारे कामकाज के तरीके में एक बदलाव आया है. दूसरे पक्ष ने कभी नहीं माना कि हम पाकिस्तान के अंदर आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला कर सकते हैं लेकिन हमने इसे समफलतापूर्वक कर के दिखाया.
पूर्व सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा, बालाकोट हवाई हमले के बाद देश के चुनावों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ क्योंकि वे डर गए थे कि हम फिर से उसी तरीके से या और भी विनाशकारी तरीके से जवाब देंगे. बता दें, 51 स्क्वाड्रन से आने वाले विंग कमांडर अभिनंदन ने 27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान के एक एफ-16 को मार गिराया था. एफ-16 का पीछा करते हुए अभिनंदन के मिग 21 बाइसन पर भी हमला हो गया था. उन्हें पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया था और अगले दिन ही रिहा कर दिया था.
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पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अभिनंदन को वीरता पदक वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. बालाकोट पर हवाई हमला करने वाले मिराज 2000 के पांच पायलटों को भी वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया था. पाकिस्तान की ओर से 27 फरवरी को भारतीय वायु क्षेत्र में घुसपैठ करने पर भारतीय युद्धक विमानों को नियंत्रित करने के लिए 601 सिग्नल यूनिट के स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल को भी युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था.
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