Advertisement

आजतक इम्पैक्ट: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- महाराष्ट्र के गांवों में सबको मिले कोरोना का इलाज

एक सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने आजतक की पालघर में की गई एक ग्राउंड रिपोर्ट का जिक्र किया. कोर्ट ने कहा ''इंडिया टुडे से पंकज कुमार नाम के रिपोर्टर ने पालघर से रिपोर्ट की है. वहां न बिस्तर हैं, न कोई सुविधा हैं, मरीज जमीन पर लेट रहे हैं. उस रिपोर्ट में परिजनों और मरीजों के साथ जो इंटरव्यू थे, वो आंख खोल देने वाले थे.''

बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो) बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
विद्या
  • मुंबई ,
  • 12 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST
  • आजतक ने पालघर से की थी ग्राउंड रिपोर्ट
  • कोर्ट ने आजतक के रिपोर्टर की खबर का लिया संज्ञान
  • महाराष्ट्र सरकार को दिए कोरोना पर निर्देश
  • गांव पर फोकस करे सरकार

आजतक की एक रिपोर्ट का असर ये पड़ा है कि खुद कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि गांव की स्थिति पर ध्यान दिया जाए, कोरोना से गांव में बिगड़ती स्थिति पर फोकस शिफ्ट किया जाए, बॉम्बे हाईकोर्ट में महाराष्ट्र में कोविड की स्थिति पर दायर की गई एक PIL पर सुनवाई हो रही थी.

इस दौरान कोर्ट ने आजतक की पालघर में की गई एक ग्राउंड रिपोर्ट का जिक्र किया. कोर्ट ने कहा ''इंडिया टुडे से पंकज उपाध्याय ने पालघर से ग्राउंड रिपोर्ट की है. वहां न बिस्तर हैं, न कोई सुविधा हैं, मरीज जमीन पर लेट रहे हैं. हम चाहते हैं कि सरकार ग्रामीण इलाकों में काम करने के लिए कलेक्टरों को निर्देश दे. इन क्षेत्रों में कोई काम नहीं किया गया है. उस रिपोर्ट में परिजनों और मरीजों के साथ इंटरव्यू थे, जो आंख खोल देने वाले थे.''

Advertisement

कोर्ट ने आगे कहा कि आपको इस महामारी को उसकी दहलीज पर ही रोकना पड़ेगा. शहरों में इन मामलों को कुछ मैनेज किया जा सकता है, वहां कुछ इलाज दिया जा सकता है. लेकिन गांवों के मामले में ऐसा नहीं है. अब आपकी प्राथमिकता में गांव होने चाहिए. गांव के लोग पहली कोरोना वेव में बच गए थे, लेकिन इस बार वे कोरोना संक्रमित हो रहे हैं.

आपको बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट मुंबई और पुणे जैसे शहरों के संबंध में कोविड की तैयारियों पर सुनवाई कर रही थी और कई निर्देश भी दिए हैं. आजतक की रिपोर्ट में पालघर की एक महिला कुसुम के बारे में खबर की गई थी जिसमें महिला एक लोकल अस्पताल में बेंच पर बैठी हुई थी. उसे ऑक्सीजन भी दी जा रही थी. लेकिन उसे अस्पताल में बिस्तर नहीं मिला था. लेकिन आजतक के रिपोर्टर ने जब अस्पताल प्रशासन से बात की तो महिला को बिस्तर मिल सका. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी मरीजों को पर्याप्त इलाज मिलना चाहिए.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement