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आयकर विभाग ने 'येदियुरप्पा डायरी' को बताया जाली दस्तावेज, कर दिया खारिज

इनकम टैक्स ड‍िपार्टमेंट ने शीर्ष नेताओं को कथित रूप से रिश्वत देने से जुड़ी येदियुरप्पा डायरी को शनिवार को जाली दस्तावेज और चंद पन्ने कहकर खारिज कर दिया. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा के राज्य प्रमुख ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी.

बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (Photo: PTI) बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (Photo: PTI)
aajtak.in
  • बेंगलुरु ,
  • 23 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

आयकर विभाग ने शीर्ष नेताओं को कथित रूप से रिश्वत देने से जुड़ी 'येदियुरप्पा डायरी' को शनिवार को 'जाली दस्तावेज' और चंद पन्ने कहकर खारिज कर दिया. कांग्रेस ने शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट दिखाते हुए इस मामले की लोकपाल से जांच कराने की मांग की थी. उसने आरोप लगाया था कि भाजपा के राज्य प्रमुख ने पार्टी के शीर्ष नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. हालांकि येदियुरप्पा ने इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए पहले ही खारिज कर दिया था.

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भाषा की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, कर्नाटक-गोवा क्षेत्र के इनकम टैक्स ड‍िपार्टमेंट के प्रधान मुख्य आयुक्त बी. आर. बालाकृष्णन ने बताया क‍ि इसका अध्ययन करने के बाद हमारा निष्कर्ष है कि यह एक जाली दस्तावेज है. यह चंद पन्ने हैं.

आगे बालाकृष्णन ने कहा क‍ि कुछ अन्य जांचों को प्रभावित करने के लिए डायरी का उपयोग करने का प्रयास किया गया था, जिसे हमने स्वीकार नहीं किया है. हमने इस मामले में भी अपना काम किया है. इन दस्तावेजों को अगस्त 2017 में कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार के घर पर इनकम टैक्स ड‍िपार्टमेंट की छापेमारी के दौरान बरामद किया गया था.

व‍िशेष डायरी का साक्ष्य के रूप में कोई महत्व नहीं

बालाकृष्णन ने कहा कि कागजात को हैदराबाद में फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया, जिसने यह कहते हुए उन्हें लौटा दिया कि उन्हें असली कागजात चाहिये. उन्होंने कहा कि पत्रिका (कारवां) में जो भी चीज सामने आई है, वह आयकर विभाग की जब्त सामग्री का हिस्सा नहीं थी. बालकृष्णन ने कहा कि स्वीकार्य सबूतों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के विभिन्न फैसलों के अनुसार अब इस विशेष डायरी का साक्ष्य के रूप में कोई महत्व नहीं है.

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बीजेपी ने बताया था बेबुनियाद

इससे पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा पर कांग्रेस की तरफ से लगाए गए भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बेबुनियादी बताया है. रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी झूठ फैलाने की राजनीति कर रही है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि 2017 में कर्नाटक के कांग्रेस नेता गोविंद राजू जो सिद्धारमैया के राजनीतिक सलाहकार थे उनके घर रेड हुई थी. जिसमें SG और RG का बार-बार नाम आया था. इसके बाद डी शिवकुमार के यहां रेड हुई और इसके बाद शिवकुमार ने आयकर विभाग को कुछ पन्ने भी सौंपे, जिसकी बुनियाद पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.

रविशंकर प्रसाद ने आयकर विभाग के अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि शिवकुमार को इस घूस के बारे में खुद नहीं पता, साथ ही उन्हें असल कागजातों के बारे में नहीं पता है. उन्होंने अधिकारियों के सिर्फ फोटोकॉपी सौंपी है, पहले इतनी बड़ी घूस की कहीं कोई शिकायत तक नहीं की गई. शिवकुमार अपने कागजों की खुद भी पुष्टि नहीं कर पाए हैं.

कांग्रेस के आरोपों पर बीएस येदियुरप्पा भड़के

कांग्रेस के आरोपों पर बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि कांग्रेस मीडिया में माइलेज पाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है. जो भी आरोप लगाए गए हैं वह सभी गलत हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि वह इस मसले पर वकीलों से बात कर रहे हैं और मानहानि का केस करने की सोच रहे हैं.

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कांग्रेस ने लगाया था 1800 करोड़ रुपये भ्रष्टाचार का आरोप

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने लिखा कि बीजेपी के सारे चौकीदार चोर हैं.  बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी नेताओं को 1800 करोड़ रुपये की रिश्वत दी जिसकी जांच लोकपाल से होनी चाहिए.

राहुल गांधी के इस बयान के बाद पार्टी  प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि मोदी को इस मामले में तत्काल जवाब देना चाहिए. सुरजेवाला ने एक पत्रिका में छपी खबर का हवाला देते हुए दावा किया कि येदि‍युरप्पा ने सीएम रहने के दौरान 2690 करोड़ रुपये वसूले गए और इसमें से 1800 करोड़ रुपये बीजेपी नेतृत्व को पहुंचाए गए.

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