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आजादी के जश्न में खादी ने बिखेरे रंग, बाजारों में मोदी जैकेट की धूम

एक दौर था जब खादी को बुजुर्गो का लिबास माना जाता था लेकिन अब खादी बदल चुका है. खादी नए दौर और नए फैशन ट्रेंड्स के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रहा है.

जश्न-ए-आजादी जश्न-ए-आजादी
मोनिका गुप्ता/स्मिता ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST

देश को आजादी मिले 71 साल पूरे हो गए हैं. 15 अगस्त के मौके पर लोग अब गली मोहल्लों से लेकर बड़े-बड़े दफ्तरों में भी लोग ट्राई-कलर परिधानों में दिखते हैं. ऐसे में फैशन और स्वतंत्रता दिवस का रिश्ता और गहरा होता जा रहा है.

जब बात आज़ादी और उससे जुड़े जश्न की करते हैं तो खादी का जिक्र आना लाजमी है. खादी आज़ादी की लड़ाई का अहम हिस्सा रही है. अब हर भारतीय के लिए गर्व का परिधान बन चुकी है. भारतीय पर्व हो या कोई खास ट्रेडिशनल अवसर खादी से बने परिधान हर जगह देश की शान बढ़ा रहे हैं. खादी में अब फैशनेबल परिधानों की भरमार है. इसे युवा पीढ़ी भी चाव से खरीद रही है.

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खादी के अलावा भी लोग दूसरे डिजाइनर के परिधानों में रुचि दिखा रहे हैं. क्योंकि मौका खास है इसलिए लोगों में सज-धज पर सबसे अलग और ट्रेंडी दिखना चाहते है. एथेनिक वियर में भी ट्रेंडी परिधानों की भरमार है. दिल्ली के छत्तरपुर स्थित अंतर देसी नाम के डिज़ाइनर शो रूम में भी देसी परिधानों की अलग-अलग रेंज मौजूद हैं.

डिजाइनर मनीष मलहोत्रा का कहना है, 'आजादी के जश्न के अनुसार अगर आपको ड्रेसअप होना है तो सिर्फ कलर को ही कंसीडर नहीं करना चाहिए बल्कि हैंडलूम और कढ़ाई को भी ध्यान में रखना चाहिए. क्योंकि अगर हम अपने देश की आज़ादी का पर्व मना रहे हैं तो देश के हैंडलूम से बेहतर क्या हो सकता है. इस बार भी मोदी जैकेट और लिनेन के कुर्ते की ज्यादा डिमांड है, जिसको स्मार्ट ट्राउज़र के साथ टीम अप कर सकते हैं. वूमेन वियर में कुर्ते और पटियाला सलवार आपको आज़ादी के एरा वाला गेटअप देगा और ट्रेंडी पैरेलेल के साथ लिनन कुर्ते ट्रेंडी लुक देंगे".

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