
भारत को आजादी हुए 70 साल पूरे हो चुके हैं. देश 71वीं सालगिरह मनाने जा रहा है. साल 1947 से 2017 तक देश ने कई बड़े बदलाव देखे. कई बदलाव इतिहास के पन्नों में दर्ज हुए. इस बदलाव में कुछ चेहरे उभर कर सामने आए, जिसे देश कभी नहीं भूला सकता. पिछले 70 साल में तमाम क्षेत्रों के लोगों ने देश को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान दिया. इनकी कोशिशों को देश सलाम करता है. आप भी जानिए उन चेहरों के बारे में और उनके द्वारा किए कामों को...
नरेंद्र मोदी: मजबूत फैसले लेने की इच्छाशक्ति, नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम को लागू करना. पीएम मोदी की अगुवाई में दुनिया भर भारत का डंका. सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले लेकर दुश्मनों का धूल चटाना. इससे पहले गुजरात के तीन बार मुख्यमंत्री भी रहे मोदी. पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी की जनाधार में जबर्दस्त बढ़ोतरी.
महेंद्र सिंह धोनी: कुल रहकर कैसे बड़े मैच जीते जाते हैं ये धोनी ने करके दिखाया. भारत को दोबारा क्रिकेट में बादशाह बनाया. टी-20 वर्ल्ड कप में भी भारत दमदार कप्तानी से जीत दिलाई. मैदान में अपने फैसलों से विरोधियों का चौंकाना में महारथ हासिल.
अन्ना हजारे: अन्ना हजारे ने सूचना का अधिकार और लोकपाल बिल को पारित करवाने के लिए विशाल जनांदोलन किया और आमरण अनशन तक का रास्ता अपनाया. साल 2011 में अन्ना आंदोलन की वजह से मनोहन सरकार को सोचने के लिए मजबूर कर दिया था. उसी आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखने का फैसला किया. अन्ना महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद बेहद प्रभावित है.
बाबा रामदेव: एक विश्व विख्यात योगगुरु के साथ-साथ सफल उद्योगपति. अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के मुकाबले स्वदेशी चीजों को लोगों में लोकप्रिय बनाया. एक सफल उद्यमी की तरह पतंजलि को घर-घर तक पहुंचाया. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराने में बाबा रामदेव का अहम योगदान.
आनंद कुमार; गरीबों का मसीहा. सुपर 30 कोचिंग के फाउंडर. पैसे नहीं सपनों की ताकत से चलाते हैं वो चलाते हैं कोचिंग सेंटर. पिछले करीब 15 वर्षों से लगातार उन को उड़ना सिखाया, जो दबे-कुचले इलाके से थे. जिनके लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई एक सपना था. डिस्कवरी चैनल ने आनंद कुमार पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई. न्यूयार्क टाइम्स में भी बायोग्राफी प्रकाशित.
अजीज प्रेमजी: अज़ीम हाशमी प्रेमजी एक भारतीय उद्योजक, निवेशक और मानवप्रेमी. प्रेमजी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन हैं. मंदी के दिनों में प्रेमजी ने विप्रो को संभाला और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में कंपनी को वैश्विक पहचान दिलवाई. अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा वो हर दान कर देते हैं.
टी एन शेषन: चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव का श्रेय. 90 के दशक में तो भारत में एक मज़ाक प्रचलित था कि भारतीय राजनेता सिर्फ़ दो चीज़ों से डरते हैं, एक ख़ुदा और दूसरे टी एन शेषन. शेषन एक अच्छे प्रबंधक की छवि के साथ भारतीय अफ़सरशाही के सर्वोच्च पद कैबिनेट सचिव तक पहुंचे. मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से मुक्त होने के बाद शेषन ने 'देशभक्त ट्रस्ट' बनाया. 1997 में राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा.
पंडित जवाहर लाल नेहरूः भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे और स्वतंत्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे. महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे. नेहरू आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य– एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार माने जाते हैं. बच्चों में वो चाचा नेहरू के रूप में जाने जाते हैं. नेहरू सबसे लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे. देश में औद्योगिक क्रांति औऱ विश्वस्तरीय आधुनिक संस्थाओं की नींव रखी.
सरदार वल्लभ भाई पटेलः पंडित नेहरू के समकालीन और समांतर राजनेता. लौहपुरुष पटेल देश के पहले गृहमंत्री थे. स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ. बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की. 500 छोटी-बड़ी रियासतों को जोड़ कर भारत को एक राष्ट्र की शक्ल दी. कश्मीर और हैदराबाद को भारत का हिस्सा बनाया.
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी: भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जिन्हें हम राजाजी के नाम से भी जानते हैं, प्रसिद्ध वकील, लेखक और दार्शिनिक थे. वे पहले भारतीय गर्वनर जनरल थे. अपने अद्भुत और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण राजाजी को आधुनिक भारत का चाणक्य माना जाता है.
डॉ. भीम राव अंबेडकरः 20वीं सदी में छुआछूत के खिलाफ सबसे दमदार आवाज. भारत के सबसे पहले कानून मंत्री. भारतीय संविधान के निर्माता. कई प्रगतिशील और आधुनिक कानून बनाने का श्रेय. प्रखर वक्ता आंबेडकर का मानना था कि सामाजिक न्य़ाय ही देश को जोड़ेगा. अंबेडकर को दलितों का मसीहा भी कहा जाता है. अंबेडकर का मानना था कि हमारा जीवन वो नदी है जिसके लिए कोई भी बने बनाए रास्ते की जरूरत नहीं है यदि हम जिधर निकल जाए वहीं हमारा जीवन रूपी नदी अपना रास्ता बना लेंगी.
राम मनोहर लोहियाः निर्भीक स्वतंत्रता सेनानी, धुर गांधीवादी और समाजवादी रुझान के राजनेता. लोहिया ने सारा जीवन देश की आर्थिक और जातिवादी असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उनकी समाजवादी शैली की छाप आज के राजनेताओं पर भी दिखती है. लोहिया की यह स्पष्ट मान्यता थी कि कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक कि उसकी आधी आबादी को विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदारी करने की स्वतंत्रता और अवसर उपलब्ध न होगी.
सैम मानेक शॉः सैम बहादुर के नाम से मशहूर शॉ देश के पहले फील्ड मार्शल थे. सेना के अपने जवानों के साथ उनका दिल से जुड़ाव था. 1971 में बांग्लादेश युद्ध में भारत को मिली जीत के बाद सैम मानेकशॉ की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई थी. उनका शानदार मिलिटरी करियर ब्रिटिश इंडियन आर्मी से प्रारंभ हुआ और 4 दशकों तक चला जिसके दौरान पांच युद्ध भी हुए.
इंदिरा गांधीः इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रहीं बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी वे एक प्रभाव छोड़ गईं. आजाद भारत की सबसे शक्तिशाली और सबसे विवादास्पद शख्सियत. अद्भुत नेतृत्व क्षमता. 71 की जंग हो य़ा हरित क्रांति या फिर देश को परमाणु शक्ति बनाना. ग्रामीण भारत में उन्हें देवी की तरह भी देखा गया. लेकिन इंदिरा की इस आभा पर 1975 की इमरजेंसी का दाग भी है.
जय प्रकाश नारायणः इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ जनता की आवाज बनकर जेपी उभरे. लोकनायक के रूप में सम्मानित जेपी को शांतिपूर्ण संपूर्ण क्रांति आंदोलन के लिए जाना जाता है. जेपी के आंदोलन ने ही इंदिरा को 1977 के चुनाव में पटखनी दी थी. जेपी ने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा था कि हमें सम्पूर्ण क्रान्ति चाहिए उससे कम कुछ नहीं.
अटल बिहारी वाजपेयीः अलग-अलग विचार-धाराओं को लेकर 6 साल तक सरलता से अटल जी ने एनडीए की सरकार चलाई. पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण किया. दिल्ली से लाहौर तक बस यात्रा की हालांकि इसके बाद कारगिल युद्ध का दंश भी झेला. पार्टी और पॉलीटिक्स से हमेशा ऊपर रहे.
कांशीरामः एक ऐसे राजनीतिक दल के जन्मदाता जिसने बाबा साहब अंबेडकर की विचारधारा को वोट बैंक तक पहुंचाया. दलित उत्थान की राजनीति को कालचक्र में ऐसी जगह दिलाई कि अब उसका वापस मुड़ना असंभव है.
एपीजे अब्दुल कलामः पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक, प्रेरणादायक नेता थे बल्कि अद्भुत इंसान भी थे. भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले कलाम के सिर देशी सैटेलाइट लांच व्हीकल बनाने का सेहरा बंधा है. पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण भी उन्हीं की देखरेख में हुआ.
सत्यजीत रेः विश्व के महानतम फिल्मकारों में से एक थे सत्यजीत रे. पाथेर पांचाली से भारतीय सिनेमा को दिलाई वैश्विक पहचान. प्रतिभाशाली लेखक और सर्जन. 1992 में रे को ऑस्कर का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला.
राजकपूरः बॉलीवुड के 'शो मैन' कहे जाने वाले राज कपूर ने 24 साल की उम्र में अपना प्रोडक्शन स्टूडियो 'आर के फिल्म्स' शुरू किया और इंडस्ट्री के सबसे यंग डायरेक्टर बन गए. मुंबई के फिल्मी मुगल राजकपूर ने सामाजिक चेतना और कलात्मक अहसास के साथ संवेदनशील सिनेमा का सृजन किया.
देव आनंदः एक सदाबहार अभिनेता, जिसकी अलग एक्टिंग ने दिलाई अनोखी पहचान, करीब छह दशक तक दर्शकों का मनोरंजन किया. सीआईडी, गाइड और ज्वेलथीफ जैसी हिट फिल्में दीं. नवकेतन के बैनर तले बनाईं कई हिट फिल्में.
दिलीप कुमारः एक अद्भुत अभिनेता. दिलीप कुमार को अपने दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजडी किंग' भी कहा जाता था. 8 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता. मुगल ए आजम से लेकर देवदास तक और मधुमति से लेकर नया दौर तक यूसुफ साहब ने तमाम हिट फिल्मों में शानदार अभिनय किया.
अमिताभ बच्चनः बॉलीवुड में लंब वक्त तक राज करने वाले अभिनेताओं में अमिताभ बच्चन का नाम सबसे आगे है. जंजीर औऱ दीवार जैसी फिल्मों ने बनाया एंग्री यंग मैन. स्टारडम के पार कौन बनेगा करोड़पति के जरिए टीवी पर छाए. आज भी इनका बॉलीवुड में सिक्का चलता है.
रजनीकांतः सिनेमा के पॉपुलर कल्चर के मैस्कट रजनी ने स्टारडम और लोकप्रियता को नया आयाम दिया. आज भी उम्र के इस पड़ाव पर उनकी फैन फॉलोइंग का कोई जोड़ नहीं. अभिनय के खास अंदाज और संवाद अदायगी से खुद को बनाया ट्रेडमार्क.
लता मंगेशकरः पिछले छह दशक से अपनी आवाजों से प्यार बरसाने वालीं सुर साम्राज्ञी लता दीदी के लिए हर उम्र के लोगों में सम्मान है. हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों में दी अपनी आवाज. संगीत से जुड़े तमाम फिल्मी-गैर फिल्मी अवॉर्ड जीते, जिनमें भारत रत्न का सर्वोच्च सम्मान भी शामिल है.
मोहम्मद रफीः बैजू बावरा से लेकर जंगली तक, विविधताओं से भरा एक ऐसा गायक जिसने हर रस के गीत गाए. अपने दौर के हर संगीतकार के साथ रफी साहब के मधुर संबंध रहे. अपने शानदार फिल्मी करियर में रफी ने 6 फिल्म फेयर अवॉर्ड जीते.
किशोर कुमारः हिंदी सिनेमा का चहेता गायक और अपने कॉमेडी अंदाज का अनोखा अभिनेता. गीतकार, लेखक और फिल्मकार किशोर दा एक दौर में सुपरस्टार राजेश खन्ना की आवाज कहे जाते थे. इनके खाते में 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड.
ए आर रहमानः देश का सर्वाधिक सफल संगीतकार. संगीत की कुदरती समझ और गानों ने रहमान को देश विदेश में ख्याति और सम्मान दोनों दिलाए. ऑस्कर के अलावा अब तक 15 फिल्म फेयर अवॉर्ड.
मेजर ध्यानचंदः गेंद पर बेजोड़ नियंत्रण के चलते मेजर ध्यानंचद को हॉकी का जादूगर कहा गया. 1928 से 1936 के बीच तीन ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाए. हॉलैंड में लोगों ने उनकी हॉकी स्टिक तुड़वा कर देखी कि कहीं उसमें चुंबक तो नहीं लगा है.
कपिल देवः क्रिकेट के इतिहास में महान आलराउंडर के रूप में कपिल देव का नाम जाना जाता है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बन कर टीम को अनेक बार विजय दिलाई. 1983 में वर्ल्ड कप जीतकर उनके नेतृत्व में टीम ने इतिहास रच डाला.
मिल्खा सिंहः 1958 के कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत कर फ्लाइंग सिख का खिताब हासिल किया. 1960 के रोम ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में वो कांस्य पदक जीतते-जीतते रह गए. मगर बावजूद इसके आज भी युवा धावकों की प्रेरणा हैं.
सुनील गावस्करः टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 10 हजार रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी, इनमें तीस शतक भी शामिल. ये उपलब्धि इसलिए भी बड़ी क्योंकि रनों का पहाड़ दुनिया के चंद बेहद खतरनाक गेंदबाजों के आगे खड़ा हुआ.
विश्वनाथन आनंदः 18 साल की छोटी उम्र में शतरंज का ग्रैंड मास्टर. 2007 से लगातार विश्व चैंपियन. किसी भी खेल में इतने लंबे समय तक एकछत्र राज्य करने वाला अकेला खिलाड़ी. भारतीय शतरंज को इस मुकाम तक ले जाने के लिए पद्मश्री.
सचिन तेंदुलकरः क्रिकेट की दुनिया का एक ऐसा चेहरा जो चाहने वालों की नजर में क्रिकेट का भगवान. दुनिया के हर मशहूर मैदान पर बॉलर्स के छक्के छुड़ाए. क्रिकेट में अब तक सबसे अधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी. शतकों के शतक का ऐसा रिकॉर्ड जो शायद ही कभी टूटे.
बाबा आम्टे: आधुनिक भारत का संत, सारा जीवन गरीबों और बीमारों को समर्पित. सार्वजनिक जीवन का आरंभ कुष्ठ रोगियों की सेवा से. भारत जोड़ो से लेकर नर्मदा बचाओ तक आंदोलनों का लंबा इतिहास, जीवन के अंत तक उसूलों पर अडिग.
मदर टेरेसा: अल्बानिया से आई एक नन जिसने अनाथों की सेवा के लिए भारत को ही अपना घर बना लिया. सेवा के लिए नोबल पुरस्कार जीता. आज भी मदर टेरेसा का मिशनरी ऑफ चैरिटी वंचितों की सेवा में लगा है.
इला भट्ट: दशकों से महिला सशक्तिकरण के लिए सक्रिय गांधीवादी. महिलाओं द्वारा संचालित राष्ट्रव्यापी कोऑपरेटिव आंदोलन SEWA की स्थापना. विनम्र क्रांतिकारी ईला आज एक लिविंग लीजैंड हैं.
विनोबा भावे: बहुतों की नजर में गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी. विनोबा के सर्वोदय और भूदान आंदोलनों पर बापू का असर साफ दिखता है. सारा जीवन ही अहिंसा और करुणा के सिद्धांतों से संचालित रहा.
कमलादेवी चटोपाध्याय: गांधीजी के नमक सत्याग्रह में महिलाओं की भागीदारी और पुलिस हिरासत की अगुवाई. आजादी के बाद नेहरू की सरकार में शामिल होने की बजाए हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग का रुख. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और संगीत नाटक अकादमी का श्रेय.
बी के एस आयंगर: दार्शनिक, और योगगुरु आयंगर ने दुनिया से कराया भारतीय योग का परिचय. अस्सी से ऊपर की उम्र के आयंगर आज भी देते हैं योग की शिक्षा. शिष्यों में हॉलीवुड की तमाम हस्तियां भी शामिल.
एमएफ हुसैन: हुसैन ने कला बाजार से करोड़ों की रकम और विवाद दोनों कमाए. फिल्मी पोस्टरों से लेकर 40,000 तक पेंटिंगों का निर्माण. हिंदू देवियों के चित्रों के चलते कट्टरपंथियों के निशाने पर. निर्वासन में मृत्यु मगर झुकने से इनकार
आरके लक्ष्मण: मशहूर कार्टूनिस्ट और व्यंग्यकार, लक्ष्मण के आम आदमी ने अखबारी पाठकों को हर सुबह हंसाया. धारीदार कोट और धोती पहनने वाला एक खामोश किरदार. इसके जरिए लक्ष्मण के धारदार व्यंग्य हमेशा आपका ध्यान खींचते थे.
आरके नारायण: अंग्रेजी के सबसे सधे लेखकों में एक. गाइड उपन्यास पर बनी यादगार फिल्म. काल्पनिक कस्बे मालगुड़ी की अर्थभरी कहानियां.अंग्रेजों की जुबान में आम भारतीय को अभिव्यक्त करने वाले नारायण आज भी चाव से पढ़े जाते हैं.
पंडित रविशंकर: सितार के सम्राट रविशंकर की उंगलियां जब तारों पर चलती हैं और लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. देश और विदेश दोनों जगह एक जैसी ख्याति इसीलिए देश के सांस्कृतिक राजदूत कहे जाते हैं. भारत रत्न के अलावा तीन तीन ग्रैमी अवॉर्ड उनके खाते में.
एसएस सुब्बालक्ष्मी: कर्नाटक संगीत की स्वर कोकिला, 20 वीं सदी के संगीत की उपलब्धि. कहा जाता है कि सुब्बलक्ष्मी के स्वर में दैवीय शक्ति है. भारत रत्न पाने वाली देश की पहली गायिका.
बिसमिल्लाह खान: उस्ताद बिस्मिल्ला खां: शहनाई के उस्ताद वाराणसी की गंगा जमुनी तहजीब के नुमाइंदे. खां साहब की प्रतिभा ने आम आदमी के वाद्य शहनाई को शास्त्रीयता के स्तर तक पहुंचाया.
होमी भाभाः देश में न्यूक्लियर क्रांति के जनक. परमाणु आयोग गठित करने के लिए पंडित नेहरू को मनाया. देश के परमाणु रिसर्च केंद्र को आज उन्हीं के नाम से जाना जाता है.
विक्रम साराभाईः अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत की उड़ान साराभाई के बगैर संभव नहीं थी. होमी भाभा के समकालीन और गुजरात के एक राष्ट्रवादी परिवार से संबंध. दुनिया के श्रेष्ठ अंतरिक्ष संस्थानों में एक इसरो के संस्थापक.
एम एस स्वामीनाथनः देश की हरित क्रांति के जनक. 60 के दशक में अनाज आयात करने वाले भारत को महज 15 सालों में एक बड़ा निर्यातक बनाने का श्रेय. 90 की उम्र के हो चुके स्वामीनाथन आज भी कृषि प्रधान भारत के पुजारी हैं.
अमर्त्य सेनः नोबल अवॉर्ड जीतने वाला देश का पहला अर्थशास्त्री. अकाल पर अमर्त्य सेन के शोध ने गरीबी को लेकर दुनिया की समझ बदली. आज भी वो ग्लोबल मंच पर अपनी मानवतावादी सोच के साथ सक्रिय हैं.
ई श्रीधरनः मेट्रोमैन के नाम से मशहूर. ईमानदारी, समर्पण और काबिलियत की मिसाल. दिल्ली को दी एक वर्ल्ड क्लास लाइफ लाइन. ऐतिहासिक कोंकण रेलवे के कठिन प्रोजेक्ट को श्रीधरन ने ही शक्ल दी
जेआरडी टाटाः कोटा-परमिट राज में भी देश को औद्योगिक क्रांति की राह पर बढ़ाया. एयर इंडिया के जरिए देश में एवियशन क्रांति का आगाज किया. अकेला उद्योगपति जिसे भारत रत्न का सम्मान मिला.
जी डी बिड़लाः न सिर्फ एक उद्योगपति बल्कि दिल से देशप्रेमी. महात्मा गांधी के आंदोलन की आर्थिक रीढ़. एक दूरदर्शी कारोबारी जिसने हर जगह उम्मीद की किरण देखी.
धीरु भाई अंबानीः देश के कॉरपोरेट इतिहास को दी एक नई शक्ल. आम जनता से पैसा बटोर कर रिलायंस इंडस्ट्रीज को समृद्धि की ऊंचाई दी. पूंजी बाजार की क्रांति का जनक और 20 वीं सदी का वो महानतम चेहरा जिसे पूंजी पैदा करने में महारत हासिल थी
रामनाथ गोयनकाः देश का पहला मीडिया मुगल. जिसने इंडियन एक्सप्रेस की शक्ल में शुरू किया देश का एक साथ कई शहरों से प्रकाशित होने वाला अखबार. मगर इमरजेंसी में इंदिरा गांधी से हुई टक्कर ने गोयनका को बड़ी ऊंचाई दी.
वर्गीज कुरियनः देश में दुग्ध क्रांति के जनक. अमूल को एक बड़ा ब्रैंड बनाने का श्रेय. दूध के कारोबार पर गुजर वाले लाखों किसानों के लिए जगाई उम्मीद की नई किरण. आज अमूल के प्रोडक्ट आपकी रोजमर्रा की जरूरत का हिस्सा हैं.
एन आर नारायणमूर्तिः देश में आईटी क्रांति के पर्याय और इन्फोसिस कंपनी के जनक. उदारवादी भारत में उद्यम की नई जमीन तोड़ी. कॉरपोरेट संस्कारों के नए बीज बोए. मूर्ति ने इनफोसिस के शुरुआती सहयोगियों को भी दिए समृद्धि के अवसर.