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आने वाले सालों में भारतीयों के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन हैं अफ्रीकी देशः वीके सिंह

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भारतीय जनजातीयों का कौशल बताते हुए कहा कि जनजातीय समाज के लिए यह बेहतरीन पहल है. दोनों देशों के जनजातीय समाज अपने छिपे हुए कौशल को सरहदों के पार ले जाएंगे तो देश के आर्थिक विकास में भी इजाफा होगा.

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 24 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST

भारत के अनेक राज्यों समेत अफ्रीका के 54 देशों में करोड़ों की तादाद में जनजातीय आबादी है. भारत में अफ्रीकी डायस्पोरा के इतिहास और अफ्रीका में भारतीय डायस्पोरा के इतिहास में विविधता होते हुए भी कई सामाजिक-सांस्कृतिक समानताएं हैं.

इन समानताओं को साझा करने और इन समुदायों के बीच आर्थिक दृष्टि से व्यापार के मौकों पर दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में फोरम ऑफ एससी एंड एसटी लेजिस्लेटर्स, एंड पार्लियामेंटेरियंस और दिल्ली विश्वविद्यालय के अफ्रीकन स्टडीज विभाग की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

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संगोष्ठी में मुख्य अतिथि विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भारतीय जनजातीयों का कौशल बताते हुए कहा कि जनजातीय समाज के लिए यह बेहतरीन पहल है. दोनों देशों के जनजातीय समाज अपने छिपे हुए कौशल को सरहदों के पार ले जाएंगे तो देश के आर्थिक विकास में भी इजाफा होगा.

संगोष्ठी में पूर्वोत्तर राज्यों के विकास राज्य मंत्री (स्वंत्रर) प्रभार डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय जनजातीय समाज के विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. यही नहीं उनके मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में युवाओं द्वारा स्टार्टअप के लिए बेहतरीन योजनाएं शुरू की हैं. जो भी उन योजनाओं की शर्तों को पूरा करता है वह उसके लिए आवेदन कर सकता है.

फोरम के मंच पर केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह और डॉ. जितेंद्र ने कहा कि उनकी कोशिश इन समुदायों को रोज़गार मुहैया करवाने की है ताकि इन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके.

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दोनों देशों के बीच इसके लिए क्या होना चाहिए इसपर भी लंबी वार्ता ही. जैसे- भारत और अफ्रीका के आदिवासी समुदायों के बीच सांस्कृतिक बातचीत. समावेशी जनजातीय पहचान और विकास पर बात. आर्थिक विकास के अनुभव साझा करना. जनजातीय समाज को प्रौद्योगिकी और कौशल विकास का हिस्सा बनाना. दोनों देशों के जानजातीय समाज के स्वदेशी ज्ञान को साझा करना. खेती और पशुपालन में मौक़ों पर खासी चर्चा हुई.

फोरम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष इंदर इक़बाल सिंह अटवाल ने कहा कि रोज़गार के मद्देनज़र अगले आने वाले 20 वर्षों में भारतीय युवाओं के लिए अफ्रीकी देश एक बेहतरीन डेस्टिनेशन हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी पंजाब जैसे राज्य से युवा कई अफ्रीकी देशों में खेती में विशेष योगदान दे रहे हैं.

संगोष्ठी में अफ्रीकी देशों के अंबेसडर और नेताओं ने भी बड़ी तादाद में भाग लिया, जिनमें मुख्य घाना के उच्चायुक्त माइकल एएनएन ओकाया, पूर्वोत्तर अफ्रीका के देश इरित्रिया के उच्चायुक्त आलम तिसाए और युगांडा के एक सांसदों के डेलिगेशन ने भाग लिया.

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