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भारत-इजराइल मिलकर बनाएंगे 200 बराक मिसाइल, आसमानी खतरों को देंगे मुंहतोड़ जवाब

भारत और इजराइल जल्द ही मिलकर 200 बराक मिसाइल बनाएंगे. यह अत्याधुनिक मिसाइल जमीन से आसमान में 70 किलोमीटर तक किसी भी लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है. इस बराक मिसाइल में अत्याधुनिक मल्टीमिशन रडार तथा कंट्रोल सिस्टम लगा होगा, जिससे यह सभी मौसमों में दिन या रात किसी भी वक्त निशानों को भेदने में बराबर सक्षम होगी.

यह मिसाइल जमीन से आसमान में 70KM तक किसी भी लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है यह मिसाइल जमीन से आसमान में 70KM तक किसी भी लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

भारत और इजराइल जल्द ही मिलकर 200 बराक मिसाइल बनाएंगे. यह अत्याधुनिक मिसाइल जमीन से आसमान में 70 किलोमीटर तक किसी भी लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है. इस बराक मिसाइल में अत्याधुनिक मल्टीमिशन रडार तथा कंट्रोल सिस्टम लगा होगा, जिससे यह सभी मौसमों में दिन या रात किसी भी वक्त निशानों को भेदने में बराबर सक्षम होगी.

पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की रक्षा मामलों की कमेटी ने हाल ही में इजराइल के साथ मिलकर बराक मिसाइल बनाने पर सहमति जताई है. इस डील के अंतर्गत ये मिसाइलें भारत में ही तैयार की जाएगी. इजराइल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री के साथ मिलकर डीआरडीओ 17 हजार करोड़ रुपये की लागत से जमीन से हवा में मार करने वाली मध्यम रेंज की 200 बराक मिसाइलें बनाएगा.

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बराक मिसाइल एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन जैसे विभिन्न हवाई खतरों से रक्षा के लिए डिजाइन की गई है. इनकी मारक क्षमता 50 किमी से लेकर 70 किमी तक होगी. यह मिसाइल बराक सिस्टम पर ही आधारित होगा, जो कि पहले से ही भारत में इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि इसमें जरूरत के हिसाब कुछ जरूरी बदलाव किए जाएंगे.

इस मिसाइलों में अत्याधुनिक मल्टी मिशन रडार, द्विमार्गी डाटा लिंक और एक सुगम कमान तथा नियंत्रण प्रणाली है, जो इसे दिन और रात में तथा सभी मौसमों में एक साथ कई लक्ष्यों को ध्वस्त कर डालने में सक्षम बनाती है। मिसाइल प्रणाली का विकास संयुक्त रूप से आईएआई, डीआरडीओ और इजरायल के एडमिनिस्ट्रिेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्टक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल तथा अन्य कंपनियों द्वारा किया जा रहा है.

इस सौदे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मिसाइल सिस्टम भारत में ही तैयार किया जाएगा, जिसमें भारत का 80 फीसद तक सहयोग होगा. इस सिस्टम को तैयार करने के लिए डीआरडीओ को साल 2023 तक का समय दिया गया है. इसके बाद सिस्टम की डिलीवरी करनी होगी.

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इसके साथ ही भारत और इजराइल के बीच एडवांस्ड लॉन्ग रेंज के फॉल्कान एयरबॉन वार्निंग सिस्टम (AWACS) की खरीददारी पर बात करेंगे. पिछले वर्ष ही सीसीएस ने अवाक्स की खरीददारी को हरी झंडी दी थी. फिलहाल भारत ने इस सिस्टम को IL-76 विमान पर लगाया गया है.

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