
भारत, मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजाइम (MTCR) और वासेनार अरेंजमेंट की सदस्यता के बाद अब एक और परमाणु हथियार के निर्यात पर नियंत्रण करने वाले बड़े समूह का हिस्सा बन गया है. भारत को ऑस्ट्रेलिया समूह (एजी) का हिस्सा बननें में भी कामयाबी मिल गई है. प्रधानमंत्री ने आज यानी शनिवार को इस पर ट्वीट कर धन्यवाद दिया और कहा कि इससे परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में भारत का कद बढ़ने की संभावना और इससे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी हासिल करने में मदद मिल सकती है.
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बता दें कि ऑस्ट्रेलिया समूह (एजी) का हिस्सा बन भारत अब चार में से तीन ऐसे बड़े समूह का हिस्सा बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल में प्रतिष्ठित परमाणु समूहों में भारत को शामिल किये जाने से सख्ती के साथ अप्रसार की देश की प्रतिबद्धता की एक बार फिर से पुष्टि हुई है. भारत के ऑस्ट्रेलिया समूह (एजी) के सदस्य बनने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर यह बात कही.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं ऑस्ट्रेलिया और निर्यात नियंत्रण से जुड़े ऑस्ट्रेलिया समूह के अन्य सदस्य देशों को इसमें भारत के प्रवेश में समर्थन देने के लिए धन्यवाद देता हूं.’’ उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष में एमटीसीआर, वासेनार समझौता और ऑस्ट्रेलिया समूह में भारत की सदस्यता से एक बार फिर ‘परमाणु अप्रसार को लेकर हमारी साख एवं वैश्विक शांति एवं सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई है.’
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बता दें कि एमटीसीआर, वासेनार समझौता और ऑस्ट्रेलिया समूह में भारत की सदस्यता ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता के दावे को मजबूत किया है. इस समूह में 48 देश हैं. जिसका काम परमाणु सामाग्री, तकनीक एवं उपकरणों के निर्यात पर नियंत्रण करना है.