
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच आज भारतीय सेना और चीनी सेना के प्रतिनिधिमंडल लेह के चुशुल में मुलाकात कर रहे हैं. दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक शुरू हो गई है. सूत्रों की मानें तो बैठक का एजेंडा दोनों देशों के बीच सेनाओं को पीछे हटाने के मुद्दे को आगे बढ़ाना है.
भारत की तरफ बातचीत की अगुवाई 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं तो चीन के प्रतिनिधि मेजर जनरल लिन लिऊ हैं. इस महीने दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की ये तीसरी बातचीत है. इससे पहले छह जून और 22 जून को दोनों देश के बीच सैन्य बातचीत हुई थी.
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15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दूसरी बातचीत है. आज की बातचीत इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे पहले की दो बैठकें चीन की तरफ मोल्डो में हुई थीं. वहीं आज की बैठक भारतीय जमीन पर चुशूल में हो रही है. बताया जा रहा है इस बातचीत में गलवान घाटी से दोनों सेनाओं के पीछे हटने पर बात होगी.
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दोनों देशों के सैन्य कमांडर के बीच आज होने वाली बैठक में अलग-अलग क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने पर बात होगी. पैंगोंग में 2-3 किलोमीटर पीछे हटने पर भारत सहमत नहीं हुआ है. इसका अर्थ होता है फिंगर 4 से भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी, क्योंकि यह हिस्सा हमेशा भारतीय नियंत्रण में रहा है. भारत ने फिंगर 8 पर एलएलसी का दावा किया है.
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बताया जा रहा है कि गलवान में चीन 2 से 3 किलोमीटर पीछे जाने के लिए सहमत नहीं है. पिछली बैठक में चीन ने कहा कि वे अभी भी अपनी क्लेम लाइन से 800 मीटर दूर है. आज की बैठक में गलवान घाटी से चीनी सेना के पीछे हटने पर भी बात हो सकती है. ठीक इसी तरह डेपसांग और डेमचोक पर जारी गतिरोध पर भी बात हो सकती है.