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भारत और चीन की सेनाओं के बीच हॉटलाइन पर बनी सहमति

भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीमा विवाद के चलते बढ़ते तनाव को कम करने के लिहाज से आपसी विश्वास बहाली की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए दोनों देशों की सेनाओं के बीच हॉटलाइन स्थापित करने को लेकर सहमती बन गई है.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंग रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंग
विवेक पाठक/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:58 PM IST

वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर बार-बार होने वाले विवादों के निपटारे के लिये भारत और चीन की सेनाओं के बीच जल्द ही हॉटलाइन स्थापित होगी. गुरुवार को दिल्ली में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच शुरू हुई बातचीत में इस पर सहमति बन गई.  

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंग के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर एक स्पष्ट और रचनात्मक ढंग से बातचीत हुई.

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दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान में हुई अनौपचारिक मुलाकात में तय समझौते के कार्यान्वयन के आलोक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हालिया आदान प्रदान का स्वागत किया. बैठक में दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच प्रशिक्षण, साझा युद्धाभ्यास व अन्य पेशेवर संबंधों का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया गया. बैठक में दोनों देशों के मध्य रक्षा सहयोग पर 2006 में तय द्विपक्षीय एमओयू के स्थान पर नया समझौता करने का निर्णय भी लिया गया.  

मंत्रियों ने सीमा से जुड़े मामलों पर भी चर्चा की और यह तय किया कि आपसी विश्वास बहाली के लिए जारी मौजूदा कदमों को पूरी तरह आगे बढ़ाया जाएगा. साथ ही सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच जल्द हॉटलाइन समेत जमीनी स्तर पर कदम उठाए जाएंगे.  

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बता दें कि कल ही जनरल वी फेंग अपने 24 सदस्यीय उच्चस्तरीय रक्षा प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की यात्रा पर आए थे. चीनी प्रतिनिधिमंडल में चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के एयर मार्शल डी चांग, वेस्टर्न थिएटर कमाण्ड के लेफ्टिनेंट जनरल जी रॉन्ग और चार मेजर जनरल रैंक के अधिकारी शामिल हैं.

साल 2017 में जून से लेकर अगस्त के अंतिम हफ्ते करीब 72 दिनों तक भारत-चीन बॉर्डर के डोकलाम इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी देखने को मिली थी. जो काफी तनावपूर्ण था. यह विवाद सड़क बनाने को लेकर शुरू हुआ था. दरअसल भारतीय सेना के दल ने चीन के सैनिकों को इस इलाके में सड़क बनाने से रोका था.  

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के सैनिकों द्वारा इस साल अतिक्रमण की 170 घटनाएं हुई हैं. डोकलाम में जारी तनाव के बीच पिछले साल पीएलए द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण की 426 घटनाएं हुईं थी. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से हुई हालिया मुलाकातों के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव घट रहा है.  

 

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