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भारत और चीन के बीच सिक्किम क्षेत्र में सीमा पर जारी गतिरोध को एक महीने से ज्यादा हो गए हैं. इस बीच दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधियों की सीमा पर द्विपक्षीय बातचीत को फिलहाल रद्द कर दिया गया है. हालांकि चर्चा ये भी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से इतर बीजिंग में स्टेट काउंसिलर यांग जेइची से मुलाकात कर सकते हैं.
इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक चीन डोकलाम से भारतीय सैनिकों के वापस जाने तक किसी तरह की बातचीत के पक्ष में नहीं है. मंगलवार को विदेश मंत्री लू कांग ने कहा, 'हमने कई बार कहा है और उम्मीद करते हैं कि भारत स्थिति को स्पष्ट तरीके से समझेंगे और अपनी सेना को वापस बुलाने के लिए कदम उठाएंगे.' लू ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से सीमा लांघी है और उन्हें अपनी सीमा में वापस चले जाना चाहिए.'
दूसरी ओर भारत ने चीन से किसी तरह की द्विपक्षीय बातचीत की गुजारिश नहीं की है. दोनों पक्ष अपने-अपने पत्तों को खोलने को तैयार नहीं है. अगर दोनों देशों को लगता है कि युद्ध की तीव्रता में कमी आई है, तो फिर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हो सकती है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रिक्स देशों की बैठक के लिए 27 और 28 जुलाई को बीजिंग में होंगे.
भारत-भूटान-चीन के त्रिकोण पर मौजूदा बॉर्डर संकट एक महीने से जारी है. भारत और चीन के बीच सीमा एक मुद्दा है और इसे हल किया जाना है. भारत और चीन ने 2003 में इस मसले पर बातचीत के लिए विशेष प्रतिनिधियों की नियुक्ति की थी. अप्रैल 2015 में सीमा विवाद के हल के लिए पॉलिटिकल पैरामीटर और गाइडिंग प्रिंसिपल पर हस्ताक्षर किए गए. हालांकि इसके बाद दोनों देश इस मुद्दे पर कुछ खास आगे नहीं बढ़ पाए.
अगर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच आगे बातचीत होती है, तो इसका फोकस भूटान की सीमा में चीन द्वारा किए जा रहे सड़क निर्माण पर रहेगा, जोकि 1988 और 1998 के समझौते का सीधा उल्लंघन है.