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अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों की झड़प पर सियासत गरम है. कल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों में इस पर बयान दिया था. लेकिन विपक्ष लगातार इस पर चर्चा कराने की मांग कर रहा है. आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे, जिसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए. उन्होंने सदन में अपनी नाराजगी ज़ाहिर की और तख्तियां लाने वाले सदस्यों को हिदायत भी दी. इसके बाद विपक्षी दल के नेताओं ने संसद के दोनों सदनों से वॉकआउट किया. चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार को संसद में घेरने के लिए कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज ऑपोजिशन पार्टियों की एक बैठक भी बुलाई थी. जिसमें बीएसपी, टीएमसी और बीजेडी को छोड़कर 17 विपक्षी दलों को न्योता भेजा गया था और सभी 17 दलों के नेताओं ने इसमें शिरकत की.
वहीं, अमेरिका ने इस मामले में भारत का साथ दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, भारत अमेरिका का स्ट्रैटेजिक पार्टनर है और हम सिचुएशन को कंट्रोल करने के भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं. लेकिन इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने चीन से व्यापारिक रिश्ते बंद करने का मुद्दा उठाया है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि - "हम चीन से अपना व्यापार क्यों नहीं बंद करते? चीन से आयात की जाने वाली अधिकतर वस्तुएं भारत में बनती हैं. इस से चीन को सबक़ मिलेगा और भारत में रोज़गार."
लेकिन क्या ये इतना आसान है? कल ही सरकार की तरफ से संसद में ये जानकारी दी गई कि इंडिया में चीन की 174 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. इसके अलावा देश में क़रीब 3,560 ऐसी कंपनियां हैं, जिनके डायरेक्टर चीनी हैं. कॉमर्स मिनिस्ट्री का एक डेटा कहता है कि इस साल चीन के साथ बायलेटरल ट्रेड में लगभग 34 फीसदी का उछाल आया है. इंडियन मार्केट में चीनी सामानों की दख़ल कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 'आत्मनिर्भर भारत' पर ज़ोर देते रहे हैं. पहले भी भारत सरकार कई चाइनीज एप्स पर बैन लगा चुकी है. लेकिन क्या पाकिस्तान की तरह चीन के साथ ट्रेड रिलेशन्स पर ब्लैंकेट बैन लगाया जा सकता है, ये कितना प्रैक्टिकल है? और ये जो ट्रेड रिलेशन्स हैं, क्या वो दोनों देशों के लिए शील्ड की तरह काम नहीं करते, क्योंकि इसमें दोनों देशों के हित छुपे हैं. दोनों के बीच सीमा पर छोटे मोटे फेस ऑफ़ भले हो रहे हों लेकिन व्यापारिक फायदों के चलते फुल स्केल वॉर नहीं होंगे, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
मैरिटल रेप को कानूनी अमलीजामा पहनाया जाए या नहीं, ये बहस पुरानी हो गई मगर क्लैरिटी और एकमत अब तक नहीं हो सका. इसी साल 12 मई को दिल्ली हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इस मसले पर स्प्लिट वर्डिक्ट दिया था. 2015 से लंबित मुकदमे में आईपीसी की धारा 375 के सेक्शन 2 की मान्यता रद्द करने की मांग की गई थी.
तो हाई कोर्ट के स्प्लिट वर्डिक्ट के बाद मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट के पास, जिसके बाद कोर्ट ने इस मसले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और इसपर उनकी राय मांगी थी. हालांकि 2016 में केंद्र ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि अगर सेक्शन 375 के क्लॉज़ 2 को रद्द कर दिया गया तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई पांच महीने बाद फरवरी 2023 में होगी, लेकिन इस सुनवाई से पहले मैरिटल रेप से जुड़े एक रिट पेटिशन पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. तो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा, IPC में मैरिटल रेप को लेकर क्या एक्सेप्शन है और इसको लेकर सरकार की चिंताएं क्या हैं, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
दुनिया में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन इससे जुड़े साइड इफैक्ट्स बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में लॉस एंजेलिस के कार्डियक इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट आई जिसमें बताया गया कि कोविड-19 वैक्सीन लगाने के बाद लोगों में हार्ट बीट बढ़ा देने वाली बीमारी के होने की आशंका पांच गुना बढ़ जाती है. हाल फ़िलहाल में यंग लोगों की हार्ट अटैक से होती मौत के कई वीडियो वायरल हुए हैं. कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी आज राज्यसभा में इसे हाईलाइट किया.
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण सीधे फेफड़ों पर असर करता है, इसलिए कई मरीज़ों में ऑक्सीजन लेवल कम होने लगता है, जिसका असर मरीजों के दिल पर होता है. कुछ महीने पहले अमेरिका में कोविड19 के गंभीर मरीज़ का एमआरआई स्कैन किया गया. स्टडी से पता चला कि 75 फ़ीसदी मरीज़ के हार्ट मसल्स पर कोविड ने बुरा असर डाला है. वहीं ब्रिटेन में ऐसी ही स्टडी में ये संख्या 50 फ़ीसदी थी. हालांकि डॉक्टरों का ये भी कहना है कि भारत में इसके इम्प्लीकेशन्स और ख़तरनाक हो सकते हैं, मगर कैसे? कोरोना से पहले हार्ट रिलेटेड समस्याएं कितनी थी और बाद में इसका ग्राफ कितना बढ़ा साथ ही किन एज ग्रुप को ये ज्यादा नुकसान कर रहा है, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.
और 'दिन भर' के अंत में बात फुटबॉल की. मेसी की टीम फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुँच चुकी है. आज देर रात साढ़े 12 बजे दूसरा सेमीफाइनल होना है, जिसमें मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन फ्रांस का मुक़ाबला मोरक्को से होना है. मोरक्को वही टीम है जिसने अपने शानदार डिफेंस की बदौलत क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को हराया था और रोनाल्डो का सपना तोड़ दिया था. लेकिन क्या सेमीफाइनल में मोरक़्क़ो की टीम कोई क़माल दिखा पाएगी या फ्रांस की टीम बाज़ी मार ले जायेगी, सुनिए दो स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट की बातचीत.