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चीन से टेंशन के बीच तीनों सेना अलर्ट, बॉर्डर पर बढ़ाई गई जवानों की संख्या

सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में LAC के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है.

तीनों सेनाओं को अलर्ट रहने को कहा गया (फाइल फोटो) तीनों सेनाओं को अलर्ट रहने को कहा गया (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

  • हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना अपनी तैनाती बढ़ा रही
  • LAC पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ाया गया

लद्दाख में भारत-चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. सूत्रों के मुताबिक, चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है. तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, CDS जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की हुई बैठक में लिया गया.

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सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में LAC के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है. वायु सेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में LAC और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है. सूत्रों ने कहा कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है.

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बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प के बाद दिल्ली में बैठकों का दौर चल रहा है. मंगलवार को राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख के साथ बैठक की थी. तो वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इसके अलावा सीसीएस की भी बैठक हुई. उधर गृह मंत्रालय में हाई लेवल बैठकों का दौर चल रहा है.

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बता दें कि सोमवार को हुई झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए. वहीं, चीन के 43 सैनिकों के भी हताहत होने की खबर है.

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पीएम मोदी ने क्या कहा

उधर, हिंसक झड़प पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाए जाने पर जवाब जरूर दिया जाएगा. पीएम ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण देश है. मतभेद हुए भी तो कोशिश की है कि विवाद न हो. पीएम मोदी ने कहा कि हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन अपने देश की अखंडता के साथ समझौता भी नहीं करते.

इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की. एस जयशंकर ने कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ, उसे चीन ने काफी सोची-समझी और पूर्वनियोजित रणनीति के तहत अंजाम दिया है. इसलिए, भविष्य की घटनाओं की जिम्मेदारी उसी पर होगी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.

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