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चीन को एक और झटका, BSNL-MTNL ने रद्द किया अपना 4G टेंडर

सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को चीन की कंपनियों से सामान ना खरीदने का निर्देश दिया था, जिसके बाद टेंडर को निरस्त कर दिया गया है. अब नए टेंडर में मेक इन इंडिया और भारतीय टेक्नॉलजी को प्रोत्साहन देने के लिए नए प्रावधान होंगे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

  • नए सिरे से जारी होगा टेंडर
  • मेक-इन-इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

भारत ने चीन को एक और झटका दिया है. बीएसएनएल और एमटीएनएल ने अपना 4G टेंडर रद्द कर दिया है. अब दोबारा नया टेंडर जारी किया जाएगा. सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को चीन की कंपनियों से सामान ना खरीदने का निर्देश दिया था, जिसके बाद टेंडर को निरस्त कर दिया गया है.

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अब नए टेंडर में मेक इन इंडिया और भारतीय टेक्नॉलजी को प्रोत्साहन देने के लिए नए प्रावधान होंगे. गौरतलब है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल पर सबसे अधिक चीनी प्रोडक्ट खरीदने का आरोप लगा था. इसके बाद सरकार ने निर्देश जारी किया था कि सरकारी कंपनियां चीन की कंपियों से सामान खरीदने से परहेज करें.

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टेलीकॉम मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया था कि 4जी फैसिलिटी के अपग्रेडेशन में किसी भी चाइनीज कंपनियों के बनाए उपकरणों का इस्तेमाल न किया जाए. पूरे टेंडर को नए सिरे से जारी किया जाए. सभी प्राइवेट सर्विस आपरेटरों को निर्देश दिया जाएगा कि चाइनीज उपकरणों पर निर्भरता तेजी से कम की जाए.

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इससे पहले एमटीएनएल और बीएसएनएल ने 4जी नेटवर्क के लिए चीनी कलपुर्जे का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया था. इसके अलावा चीन को झटका देने के लिए रेलवे ने 471 करोड़ रुपये का सिगनलिंग प्रोजेक्ट रद्द कर दिया था. साथ ही MMRDA ने मोनोरेल से जुड़ी चीन की 2 कंपनियों का टेंडर रद्द कर दिया.

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इसके अलावा MMRDA ने 10 मोनोरेल रैक्स बनाने की बोली भी रद्द कर दी. मेरठ रैपिड रेल का टेंडर चीनी कंपनी के पास था, इसे भी रद्द कर दिया गया. महाराष्ट्र सरकार ने तलेगांव में ग्रेट वॉल का टेंडर रद्द कर दिया. हरियाणा सरकार ने चीनी कंपनियों का 780 करोड़ रुपए का ऑर्डर रद्द कर दिया.

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