
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं. लद्दाख के इलाके में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं और एक-दूसरे के पीछे हटने का इंतजार कर रही हैं. इस बीच बातचीत के जरिए इस मसले को सुलझाने की कोशिश हो रही है. 6 जून को दोनों देशों की सेना के अधिकारी एक बार फिर आमने-सामने बैठेंगे और इस मसले का हल ढूंढने की कोशिश करेंगे.
भारत की ओर से इस बातचीत के जरिए कोशिश की जाएगी कि मौजूदा तनाव को कम किया जाए. 6 जून को होने वाली बातचीत की मुख्य बातें...
• भारत की ओर से 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह इस बातचीत की अगुवाई करेंगे.
• दोनों देशों के बीच होने वाली ये बातचीत लद्दाख के चुरशुल इलाके में होगी.
• भारत की ओर से पेंगोंग, गलवान वैली और डेमशोक इलाके में हालात ठीक करने के लिए जोर दिया जाएगा.
लेफ्टिनेंट जनरल रैंक वार्ता से पहले गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों की तैनाती
• भारतीय हिस्से में जो चीन की ओर से निर्माण किया जा रहा है उसपर भारत की ओर से सख्ती बरती जाएगी और चीनी सेना को वापस जाने के लिए कहा जाएगा. कोशिश यही रहेगी कि बातचीत के जरिए ही तनाव कम हो.
गौरतलब है कि इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर जो रिपोर्ट्स तैयार की गई हैं, उनके मुताबिक चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर हालात ज्यादा तनावपूर्ण हैं. चीन की ओर से पेंगोंग इलाके के पास सड़क निर्माण के अलावा अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाया जा रहा है. जबकि भारत की ओर से इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है.
भारत जिस हिस्से को LAC मान रहा है, चीन उससे आगे बढ़कर भारतीय सीमा की ओर आ गया है और उसे ही LAC करार दे रहा है.
आपको बता दें कि इस विवाद को निपटाने के लिए अबतक भारत और चीन के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है, लेकिन हर बार प्रयास फेल ही हुआ. अब जब लेफ्टिनेंट जनरल लेवल के अधिकारी मिल रहे हैं, तो मसले का हल निकलने की संभावना है.