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लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी सेना के बीच तनातनी जारी है और जम्मू-कश्मीर में भी सीमा पर हालात कुछ ठीक नहीं है. लेकिन इन सबके बीच अगले महीने रूस में भारत, चीन और पाकिस्तान एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे.
भारतीय सेना की एक पैदल टुकड़ी , तोपखाने, बख़्तरबंद गाड़ियों के साथ लगभग 180 सैनिक और अधिकारी इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे. इसमें भारत की तरफ से वायु सेना और सिग्नल कोर के जवान भी सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे. अगले महीने होने वाले अभ्यास में मेजबान रूस सहित 19 काउंटी देश शामिल होंगे. इस अभ्यास में 12,500 से अधिक सैनिक भाग लेंगे.
सूत्रों के मुताबिक चीन भी इस सैन्य अभ्यास के लिए अपनी नौसेना के तीन जहाजों और सेना की एक टुकड़ी को वहां दिखावे के लिए भेजेगा. भारत और चीनी सेनाओं के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तीन महीने से ज्यादा लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है. ऐसे में यह संयुक्त सैन्य अभ्यास और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. बातचीत के कई स्तरों के बावजूद लद्दाख में तनाव कम करने में सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है.
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15 जून को गलवान घाटी में बिना हथियारों के इस्तेमाल के भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई झड़पें हुई थीं जिसमें कई भारतीय जवानों की मौत हो गई थी. जबकि चीन ने अपने मृत सैनिकों की संख्या सार्वजनिक नहीं की थी.
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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के अलावा 11 अन्य देश अभ्यास का हिस्सा होंगे. ड्रिल में शामिल अन्य राष्ट्रों में मंगोलिया, सीरिया, ईरान, मिस्र, बेलारूस, तुर्की, आर्मेनिया, अबकाज़िया, दक्षिण ओसेतिया, अजरबैजान और तुर्कमेनिस्तान हैं. यह अभ्यास दक्षिण रूस के अस्त्रखान क्षेत्र में 15 से 26 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा. (इनपुट - अभिषेक भल्ला)