Advertisement

चाइल्ड पोर्नोग्राफी टॉप सर्च, भारत में हर सेकंड 380 लोग खोज रहे हैं एडल्ट कंटेंट

साइबर एक्सपर्ट्स ने मेल टुडे को बताया कि देश में हर 40 मिनट में एक गंदा वीडियो बनाया जाता है. इस तरह के कंटेंट को इंटरनेट पर अपलोड करने के मामले में केरल लिस्ट में टॉप पर है. वहीं हरियाणा में मोबाइल पर सबसे ज्यादा इस तरह के कंटेंट देखे जाते हैं.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी चाइल्ड पोर्नोग्राफी
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में भारत सबसे बड़े कंज्यूमर और डिस्ट्रिब्यूटर्स बन रहा है. यह बढ़ोतरी उस हालात में है जब देश में इंटरनेट पर इस तरह के मैटेरियल पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है.

 हर 40 मिनट में बन रहा है ऐसा वीडियो

साइबर एक्सपर्ट्स ने मेल टुडे को बताया कि देश में हर 40 मिनट में एक गंदा वीडियो बनाया जाता है. इस तरह के कंटेंट को इंटरनेट पर अपलोड करने के मामले में केरल लिस्ट में टॉप पर है. वहीं हरियाणा में मोबाइल पर सबसे ज्यादा इस तरह के कंटेंट देखे जाते हैं. चिंता की बात यह है कि इस तरह के जितने पोर्न वीडियो अपलोड किए जाते हैं, उनमें बच्चों और किशोरों के ज्यादा हैं. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने हाल में ही एक ब्रिटिश नागरिक को अरेस्ट किया जिसके फोन, लैपटॉप में बच्चों के 15-20 आपत्तिजनक फोटोज मिले. उसके ऊपर साउथ दिल्ली में तीन नाबालिगों को शोषित करने का आरोप लगा है.

Advertisement

 टॉप सर्च में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कीवर्ड्स

यही कारण है कि schoolgirls, teens और desi girls जैसे टॉप सर्च कीवर्ड्स हैं. इन सबसे चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (CSAM) को बढ़ावा मिल रहा है. साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्स्ट के एनालिसिस के मुताबिक, देश में 35-40 प्रतिशत कंटेंट रोजाना डाउनलोड किया जाता है, जो हजारों टेराबाइट्स में होगी.

 क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

इंडियन साइबर सिक्युरिटी साइबर आर्मी (ICA) के डायरेक्टर किसल्य चौधरी ने बताया- चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंटेंट और वीडियो के कस्टमर्स तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे लेकर कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है लेकिन हमारी शोधों में पता चला है कि प्रति दिन सर्च इंजन पर 1,16,000 सवाल आते हैं, ये सब चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर होते हैं. इस तरह के सर्च के आंकड़े ऐसे हैं कि आप इन्हें प्रति सेकंड में भी अनुमान लगा सकते हैं. इस हिसाब से प्रति सेकंड में सर्च इंजन पर 380 लोग एडल्ट कंटेंट की तलाश कर रहे हैं. इसमें 25 प्रतिशत सर्च इंजन पर सवाल पोर्नोग्राफी को लेकर होते हैं. एक दिन में 68 मिलियन सर्च क्वेरिज होती हैं.

Advertisement

 छोटे शहरों में ज्यादा तरह शूट किए जा रहे हैं ऐसे कंटेंट

हाल के दिनों के ट्रेन्ड को देखते हुए कहा जा रहा है कि छोटे शहर (2,3 और 4 टायर की सिटीज) में ऐसे एडल्ट कंटेंट ज्यादा शूट किए जा रहे हैं. इन्हें मोबाइल से शूट किया जा रहा है और यहीं से ये डिस्ट्रीब्यूट हो रहे हैं. बैकग्राउंड-ग्रामीण इलाकों के बच्चे सॉफ्ट टारगेट्स हैं लेकिन सबसे ज्यादा संख्या शहरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की है जो इसमें फंस जा रहे हैं.

 क्या कहता है कानून?

वरिष्ठ वकील और आई टी एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने मेल टुडे से कहा- सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद CSAM के कंटेंट तेजी से बढ़ रहे हैं. ग्लोबल मार्केट में इस तरह के भारतीय कंटेंट की भारी मांग है, क्योंकि उनके लिए इस तरह के कंटेंट कम दाम में खरीदना आसाना होता है. वेबसाइट्स चाइल्ड पोर्नोग्राफी से भरी पड़ी हैं. दुग्गल ने कहा- आईटी एक्ट के तहत इस तरह के कंटेंट देखने या शेयरिंग करने को लेकर सख्त सजा का प्रावधान है, पर कानून को लागू करने में ढिलाई हो रही है. सरकार का जोर वेबसाइट्स को ब्लॉक करने को लेकर है पर कंटेंट के सोर्स को नहीं देखा जा रहा है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement