
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा जारी बयान पर भारत ने पाक के खोखले दावों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इससे पहले 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों में सबूत देने के बावजूद पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की. इन सबके बावजूद 'नया पाकिस्तान' में मंत्री सार्वजनिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंक हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते हैं. पुलवामा के जिम्मेदार जैश और उसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में है और यह सबूत कार्रवाई करने के लिए काफी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवादियों से किसी भी प्रकार का संपर्क होने से इंकार करते समय जैश-ए-मोहम्मद के दावे को नजर अंदाज किया, जिसमें आतंकी गुट ने इस नृशंस घटना की जिम्मेदारी ली. यह एक ज्ञात तथ्य है कि जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेता मसूद अजहर पाकिस्तान में हैं और यह सबूत पाकिस्तान द्वारा कदम उठाए जाने के लिए पर्याप्त होना चाहिए.
रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा भारत की तरफ से सबूत मुहैया कराने पर जांच की पेशकश करना, फिजूल का बहाना है. 26/11 मुंबई हमले के दौरान भी पाक को सबूत दिए जाने के बावजूद 10 साल बाद भी इस केस में कोई प्रगति नहीं हुई. इसी तरह पठानकोट आतंकी हमले में भी कोई प्रगति नहीं हुई. पाकिस्तान का ट्रैक देखें तो एक्शन की गारंटी पर रिकॉर्ड का वादा खोखला रहा है. इस 'नया पाकिस्तान' में मंत्री सार्वजनिक तौर पर यूएन द्वारा घोषित आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न तो इस नृशंसा घटना की निंदा की और न ही शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करने को मुनासिब समझा. यह खेदजनक है कि इमरान खान ने पुलवामा हमले पर भारत के जवाब को आगामी चुनाव से प्रेरित बताया है, भारत इसका खंडन करता है. इसके साथ ही भारत मांग करता है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करना बंद करे और पुलवामा हमले के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ ठोस, स्पष्ट कार्रवाई करे.
रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बातचीत की पेशकश करते हुए आतंकवाद पर बात करने की बात कही है. भारत लगातार इस बात को दोहराता रहा है कि आतंक और हिंसा रहित माहौल में हम हर मुद्दे पर द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दावा करता है कि वो आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित है. लेकिन यह तथ्य से परे है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस हकीकत से भलीभांति परिचित है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को जारी एक वीडियो संदेश में पुलवामा हमले में इस्लामाबाद का हाथ होने से इनकार करते हुए कहा था कि कार्रवाई योग्य सबूत मिलने पर वे भरोसा दिलाते हैं कि एक्शन लेंगे. इमरान ने भारत को धमकी भी दी थी अगर वो हमला करता है तो पाक के पास इसका जवाब देने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा था कि युद्ध शुरू करना हमारे हाथ में होता है लेकिन यह खत्म कब होगा यह अल्लाह जानता है.