
बगैर ब्रांड अम्बेस्डर के भारत का पर्यटन उड़ान भर रहा है. पिछले तीन सालों में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की ओर से जारी होने वाली रैंकिंग में 25 पायदानों की छलांग से पर्यटन मंत्रालय गदगद है. इस सूची में पहले नंबर पर स्पेन और दूसरे पर फ्रांस है. पाकिस्तान 124 वें नंबर पर है. ट्रेवेल एंड टूरिज्म कांपेटिटिव इंडेक्स यानी टीटीसीआई की ताजातरीन सूची आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस खुशी को ट्वीट कर दुनिया के साथ शेयर किया.
सूची के मुताबिक पूरी दुनिया में पर्यटन उद्योग की विकास दर दो से तीन अंकों तक है. वहीं भारत ने 12 की उछाल दर्ज की है. मंत्रालय का दावा है कि ये सब नई नीतियों और उनके सख्ती से पालन की वजह से संभव हुआ है. यानी मंत्रालय के इस दावे को आंकड़ों का भी बल मिला कि पीएम मोदी जिन जिन देशों की यात्रा पर गये वहां-वहां से पर्यटकों का तांता भारत की भूमि पर दिखा.
केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ महेश शर्मा ने 'आज तक' के साथ खास बातचीत में कहा कि 2013 तक भारत इसी सूची में 65 वें स्थान पर था. पिछले साल 2015 में वो 52वें पायदान पर आया और अब तो 40 पर. यानी विकास का ये अंदाज पूरी दुनिया के लिए ताज्जुब है. डॉ शर्मा ने कहा कि इस उपलब्धि के पीछे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें ज्यादा से ज्यादा सहूलियत देने के लिए चलाई गई मोदी सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं.
इनमें से कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए डॉ शर्मा बोले कि ई-टूरिज्म वीजा और वीजा ऑन अराइवल का बड़ा योगदान है. सन 2016 में दस लाख 79 हजार 700 सैलानियों ने ई-वीजा से भारत की यात्रा की. इसके अलावा भारत भूमि पर उतरते ही विदेशी पर्यटक को पचास रुपये में एक सिम जिसमें 20 जीबी तक डाटा डाउन लोड और बातचीत करने की सुविधा होती है वो मुफ्त मिल जाता है.
इसके अलावा कोई भी विदेशी टूरिस्ट किसी भी तरह की जानकारी 1800-11-1363 या फिर सिर्फ 1363 टोल फ्री नंबर पर डायल कर दुनिया की 12 भाषाओं में से किसी एक में बातकर जानकारी हासिल कर सकता है. यानी जहां से ज्यादा पर्यटक आते हैं उनमें हिंदी अंग्रेजी के अलावा अरबी, फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, जापानी, कोरियन, चाइनीज, पोर्तगीज, रशियन और स्पेनिश भाषाएं शामिल हैं. सातों दिन चौबीस घंटे उपलब्ध इस सेवा से जानकारी होटल, रास्ते, दर्शनीय स्थल और पर्यटन सुविधाओं में से किसी भी किस्म की हो सकती हैं.
इस बढ़ोतरी के पीछे हेल्थ एंड वेलनेस टूरिज्म का भी बड़ा हाथ है. इसके लिए भारत सरकार ने वेलनेस एंड टूरिज्म डवलपमेंट बोर्ड भी बनाया है जो इस क्षेत्र में और भी संभावनाएं तलाशेगा और उसी के मुताबिक सुविधाएं और नितियां तैयार करेगा.