
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2017 के 10वें सत्र में ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा और पैरालंपिक एथलीट दीपा मलिक ने हिस्सा लिया. इस सत्र का संचालन बोरिया मजूमदार ने किया. इस सत्र का थीम हार्ट द हार्ट में बीइंग द बेस्ट यू- फाइंडिंग दि चैंपियन विदइन है.
सत्र के दौरान अभिनव बिंद्रा ने माना कि अपनी कमजोरी की वजह से वह रियो ओलंपिक में मेडल लेने से चूक गए थे. हालांकि बिंद्रा ने कहा कि उन्हें इसका कोई मलाल नहीं है. वहीं देश में खेलों पर ध्यान देने के लिए बिंद्रा ने देशभर के एथलीट्स से अपील की कि उन्हें 2024 ओलंपिक की तैयारी में अभी से जुट जाना चाहिए. बिंद्रा ने कहा कि हमें इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए कि 2020 ओलंपिक की तैयारी में हम पिछड़ चुके हैं.
कॉनक्लेव 2017 के मंच पर दीपा मलिक ने कहा कि उनके सहयोगी खिलाड़ियों ने उनपर धोखेबाजी का आरोप मढ़ा था. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट से न्याय कि गुहार लगाई थी. देश में पैरालंपिक खेलों की स्थिति पर बोलते हुए दीपा ने कहा कि इस क्षेत्र में महिला खिलाड़ियों को बराबरी का सम्मान नहीं मिलता है. मलिक ने कहा कि बिमारी से जूझने के बावजूद उन्होंने कभी भी अपने अंदर के खिलाड़ी को मरने नहीं दिया. उनकी आत्मा में जोश हमेशा भरा रहा.