
भारतीय रेलवे ने मार्च 2021 तक मेनलाइन पैसेंजर ट्रेनों के 7000 कोचों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का लक्ष्य रखा है. इसकी जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में दी.
लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रीमियम, मेल, एक्सप्रेस और उपनगरीय ट्रेनों के कोचों में सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मेनलाइन पैसेंजर ट्रेनों के 1300 कोचों में कैमरे लगाए गए हैं. रेल मंत्री ने कहा कि ऐसी (यात्री) ट्रेनों के अन्य 7020 डिब्बों में सीसीटीवी कैमरों की योजना पहले चरण में बनाई गई है जिन्हें मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. शेष कोचों में भी सीसीटीवी कैमरा लगाने की व्यवस्था की जाएगी.
ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगने से चोरी और लूट के मामलों पर जहां निगरानी रखी जा सकेगी, वहीं यात्रियों की सुरक्षा भी मजबूत होगी. इससे पहले भी ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग होती रही है.
नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पारी की पहली बजट में रेलवे प्राथमिकता सूची में टॉप पर है. बजट में इस बार सरकार ने सेफ्टी और सिक्योरिटी पर खास तवज्जो देने का फैसला किया है. इसके मद्देनजर देशभर की सभी लेवल क्रॉसिंग को 2024 तक खत्म किए जाने का टारगेट रखा गया है. लेवल क्रासिंग से मतलब उस जगह से है जहां रेलवे लाइन और सड़क एक ही लेवल पर एक दूसरे को क्रॉस करते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर लेवल क्रॉसिंग को 2022 तक हटा दिया जाएगा. इसके लिए इस बार के बजट में खास प्रावधान किया जाएगा. रेल हादसों पर रोक लगाने के लिए रेल मंत्रालय ने ट्रेन कॉलेजन अवॉइडेंस सिस्टम यानी (TCAS) को अगस्त तक अत्याधुनिक बनाने का टारगेट रखा है.