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भारत-रूस मिलकर बनाएंगे नई ब्रह्मोस, पाकिस्तान के हर कोने तक होगी पहुंच

भारत इसी साल जून महीने में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का हिस्सा बना है. इसके परिणामस्वरूप ही रूस भारत के साथ मिलकर यह मिसाइल बनाएगा.

पीएम मोदी-व्लादिमीर पुतिन पीएम मोदी-व्लादिमीर पुतिन
प्रियंका झा
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST

भारत और रूस जल्द ही 600 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाएंगे. इस 600 किलोमीटर रेंज वाली इस मिसाइल की जद में पूरा पाकिस्तान होगा.

MTCR का फायदा
भारत इसी साल जून महीने में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम का हिस्सा बना है. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक इसके परिणामस्वरूप ही रूस भारत के साथ मिलकर यह मिसाइल बनाएगा. MTCR की गाइडलाइंस के मुताबिक क्लब में शामिल देश किसी बाहरी देश को 300 किलोमीटर की रेंज से ज्यादा की मिसाइल तकनीक न साझा कर सकते हैं, न ही बेच सकते हैं और न साथ मिलकर मिसाइल बना सकते हैं.

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भारत के पास जो मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल है उसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक ही है. इससे पाकिस्तान के अंदरुनी इलाकों को टारगेट करना मुश्किल है. हालांकि भारत के पास नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस मिसाइल से ज्यादा मारक क्षमता वाली मिसाइलें हैं लेकिन ब्रह्मोस की खासियत है कि वह निश्चित लक्ष्य पर हमला कर सकता है. भले ही उस लक्ष्य को कितनी भी सुरक्षा दी जाए. अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति पैदा होती है तो यह मिसाइल एक गेम चेंजर साबित हो सकती है.

कम दूरी की मिसाइलें भी बनाएंगे भारत-रूस
भारत और रूस के बीच गोवा समिट के दौरान यह सौदा हुआ था. इसके मुताबिक दोनों देश मिलकर कम दूरी की मिसाइलें भी बनाएंगे. जिसे पनडुब्बी और एयरक्राफ्ट से भी दागा जा सकता है. इस समझौते को समिट के दौरान सार्वजनिक नहीं किया गया था. लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश के पत्रकारों के सामने इस समझौते का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'दोनों देशों के बीच मिसाइल डील भी हुई है. हमने ब्रह्मोस मिसाइल को और सुधारने पर भी मंजूरी दी है, जो जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकेगी. हम इसकी मारक क्षमता बढ़ाने पर भी काम करेंगे और साथ मिलकर पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट बनाएंगे.'

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