Advertisement

GST, नोटबंदी के झटके से उबरने में लगेंगे दो और साल: पूर्व RBI गवर्नर

इस समय आर्थिक वृद्धि को लेकर कोई अनुमान लगाना काफी मुश्किल काम है, या फिर यह कहना कि अर्थव्यवस्था फिर से 7.5 से 8 प्रतिशत की संभावित उच्च वृद्धि के रास्ते पर कब लौटेगी.

पूर्व RBI गवर्नर वाई.वी. रेड्डी पूर्व RBI गवर्नर वाई.वी. रेड्डी
परमीता शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई.वी. रेड्डी ने जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था को लगे झटके को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाने से इंकार करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को इस स्थिति से पूरी तरह उबरने और उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए दो साल के समय की और जरूरत है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि इस समय आर्थिक वृद्धि को लेकर कोई अनुमान लगाना काफी मुश्किल काम है, या फिर यह कहना कि अर्थव्यवस्था फिर से 7.5 से 8 प्रतिशत की संभावित उच्च वृद्धि के रास्ते पर कब लौटेगी. बहरहाल, यह स्थिति अगले 24 महीने यानी 2 साल के दौरान बनती नहीं दिखाई देती है.

रेड्डी ने संवाददाताओं के एक समूह के सवालों के जवाब में कहा कि यह एक ऐसा झटका है जिसकी नकारात्मक धारणा के साथ शुरुआत हुई है. इसमें कुछ सुधार आ सकता है और उसके बाद कुछ फायदा मिल सकता है. फिलहाल इस समय इसमें परेशानी है और लाभ बाद में आएगा. कितना फायदा होगा और कितने अंतराल के बाद यह होगा यह देखने की बात है.

केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि मेरा अनुमान है कि इसमें कुछ साल लग सकते हैं. कुछ साल में हम फिर से 7.5- 8 प्रतिशत वृद्धि पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल सकते हैं. उन्होंने कहा इस झटके से जो परेशानी खड़ी हुई थी वह कम हो रही है जबकि सकारात्मक माहौल बनना अभी बाकी है. मेरी उम्मीद है कि यह माहौल आएगा.

Advertisement

रेड्डी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तीन साल तक एक प्रकार का सकारात्मक झटका कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट के रूप में मिला है. लगातार तीन साल तक विदेशी बाजार में कच्चे तेल के दाम आश्चर्यजनक रूप से नीचे रहे. उन्होंने याद किया कि जब वह गवर्नर थे उसके मुकाबले पिछले तीन साल में कच्चे तेल के दाम एक तिहाई पर आ गए थे.

हालांकि, इस बीच जीएसटी लागू होने, नोटबंदी का कदम उठाने और बैंकों की भारी गैर-निष्पादित राशि की वजह से आर्थिक वृद्धि प्रभावित हुई.

उन्होंने कहा कि उच्च वृद्धि के दौरान पिछली सरकार में बिना सोच विचार के दिए गए कर्ज और भ्रष्टाचार के आरापों को लेकर दूरसंचार और कोयला क्षेत्र में घटे घटनाक्रम से कंपनी क्षेत्र पर काफी दबाव बढ़ गया. इस समूचे घटनाक्रम से बैकिंग तंत्र में फंसा कर्ज 15 प्रतिशत तक बढ़ गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement