
पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया आसान की जाएगी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को 'लंबी अवधि का वीजा' देकर संपत्ति खरीदने, बैंक खाता खोलने, स्थाई खाता संख्या (पैन) और आधार संख्या मुहैया कराने पर भी विचार किया जा रहा है.
18 जिलों के डीएम को मिला अधिकार
भारत सरकार ने रविवार को इसकी घोषणा की. प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे लोगों से बहुत कम फीस लेकर 18 जिलों के डीएम को दो साल की अवधि में नागरिकता देने तक का अधिकार दिया जाएगा. ये जिले हैं रायपुर (छत्तीसगढ़), अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, कच्छ और पाटन (गुजरात), भोपाल और इंदौर (मध्य प्रदेश), नागपुर मुंबई, पुणे और ठाणे (महाराष्ट्र), पश्चिमी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), जोधपुर, जैसलमेर और जयपुर (राजस्थान) और लखनऊ(उत्तर प्रदेश).
बैंक खाता खोलने की मिलेगी इजाजत
एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लंबी अवधि के वीजा पर भारत में रहने वालों की कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने यह भी योजना बनाई है कि ऐसे लोगों को बैंक खाता खोलने, पैन और आधार नंबर लेने की की इजाजत दे दी जाए. अधिकारी के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर जनता की प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे गए हैं.
रजिस्ट्रेशन फीस में हो सकता है बदलाव
यह भी प्रस्ताव है कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत में नागरिक के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने की फीस (5 हजार) और देशीकरण करने की फीस (15 हजार रुपये) में बदलाव किया जाए. इसकी जगह समान रूप से आवेदन करते समय और रजिस्ट्रेशन या देशीकरण का सर्टिफिकेट देते समय सिर्फ 100-100 रुपये लिए जाएं.
अल्पसंख्यक हिंदुओं का होता है धार्मिक उत्पीड़न
अधिकारी ने कहा कि हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिक धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होते हैं. इसके चलते वे भारत में शरण लेने के लिए मजबूर हैं. इनमें से बहुत सारे लोग भारत में बगैर किसी मान्य यात्रा दस्तावेज के या ऐसे दस्तावेज के जरिए आए हैं, जिनकी अवधि समाप्त हो चुकी है. जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर, रायपुर, अहमदाबाद, राजकोट, कच्छ, भोपाल, इंदौर, मुंबई, नागपुर, पुणे, दिल्ली और लखनऊ में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की आबादी है.