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विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाएगी मोदी सरकार, लेकिन खुद उठाना पड़ेगा खर्चा

केंद्र सरकार ने विमान और नेवी के जहाजों के जरिए विदेशों से भारतीयों को निकालने की मंजूरी दे दी है. विदेशों में फंसे भारतीयों को 7 मई से कई चरणों में लाया जाएगा.

विदेश में फंसे भारतीयों को लाएगी सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर-PTI) विदेश में फंसे भारतीयों को लाएगी सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर-PTI)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2020,
  • अपडेटेड 12:34 AM IST

  • विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की तैयारी
  • भारत वापस आने के लिए करना होगा सेवा भुगतान

दुनियाभर में जारी कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों को सरकार वापस लाने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार ने विमान और नेवी के जहाजों के जरिए विदेशों से भारतीयों को निकालने की मंजूरी दे दी है. विदेशों में फंसे भारतीयों को 7 मई से कई चरणों में लाया जाएगा.

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ताजा जानकारी के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारतीयों को 7 मई को वापस लाया जाएगा. इसके लिए दो स्पेशल फ्लाइट्स की व्यवस्था की गई है. जानकारी के मुताबिक एक फ्लाइट अबू धाबी से कोच्चि जबकि दूसरी फ्लाइट दुबई से कोझिकोड को जाएगी.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक फ्लाइट्स और नेवी के जहाजों से विदेशों से भारतीयों को लाया जाएगा. इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. भारत के हाई कमिशन और दूतावास लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए भारतीयों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. बता दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक विदेशों में फंसे हुए हैं.

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नोटिफिकेशन के अनुसार इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को भुगतान करना होगा यानी यह सुविधा पेमेंट के आधार पर होगी. इसके लिए कमर्शियल फ्लाइट्स उपलब्ध कराई जाएंगी और 7 मई से कई चरणों में लोगों को निकाला जाएगा. वहीं, फ्लाइट्स से पहले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे उन्हें ही यात्रा करने की इजाजत मिलेगी. वहीं, यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा.

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इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सभी यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा और सभी की मेडिकल जांच की जाएगी. वहीं, भारत आने के बाद उन्हें अस्पताल या क्वारनटीन सेंटर में 14 दिन के लिए भुगतान के आधार पर रखा जाएगा.

14 दिन के बाद COVID-19 का दोबारा टेस्ट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी. गृह मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय जल्द ही अपनी वेबसाइट्स पर इस बात की जानकारी देंगे.

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