
कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी बेटे राहुल गांधी के हाथों में सौंप चुकी है. राहुल पार्टी के कामकाज में सक्रिय हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री को लेकर समय-समय पर कांग्रेस के अंदर और बाहर से मांग उठती रही है. राजनीति में प्रियंका के आने को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये फैसला प्रियंका गांधी को तय करना है कि वो राजनीति में कब आएंगी.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 17वें संस्करण में पहले दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल हुई. इस मौके पर सोनिया ने बेटी प्रियंका गांधी के राजनीति में आने और न आने पर बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी. इंडिया टुडे समूह के चेयरमैन अरुण पुरी के सवालों का जवाब देते हुए सोनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी को राजनीति में आने का फैसला खुद करना है.
सोनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी के बच्चे किशोरावस्था में हैं. उनकी परीक्षाएं हैं. कांग्रेस नेता के बयान का मतलब साफ है कि राजनीति में प्रियंका गांधी की दस्तक के लिए अभी कुछ और दिन इंतजार करना पड़ेगा. सोनिया के लिहाज से देखा जाए तो बच्चों के बड़े होने के बाद प्रियंका राजनीति में एंट्री कर सकती हैं.
बता दें कि प्रियंका गांधी अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र के चुनावी प्रचार की कमान संभालती हैं. इसके अलावा रायबरेली के कांग्रेस संगठन को भी देखती हैं. प्रियंका के निर्देशानुसार रायबरेली में पार्टी संगठन अपनी भूमिका अदा करता है. रायबरेली और अमेठी के पार्टी नेताओं के साथ दिल्ली में लगातार वो बैठकें भी करती रहती हैं.
इसी के मद्देनजर सोनिया गांधी ने जब कांग्रेस की कमान छोड़ी थी तब से कयास लगाया जा रहा है कि प्रियंका गांधी मां सोनिया की सियासी विरासत को संभालने के लिए रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. राहुल गांधी की ताजपोशी के दौरान प्रियंका ने कहा था कि रायबरेली से मां सोनिया गांधी ही चुनाव लड़ेंगी.
सोनिया गांधी ने शुक्रवार को मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 17वें संस्करण में कहा कि ये पार्टी तय करेगी कि वो चुनाव लड़ेंगी कि नहीं, लेकिन सोनिया ने 2019 में चुनाव लड़ने से इनकार नहीं किया. इसका मतलब साफ है कि सोनिया के चुनाव लड़ने का फैसला अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को ही करना होगा.