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मोदी ने 35 साल की उम्र में किया MA, मैं तो 30 में कर रहा हूं PhD: कन्हैया कुमार

30 साल की उम्र में भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के आरोप को लेकर छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा है कि वो इस उम्र में अपनी रिसर्च कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो ने 35 साल की उम्र में एमए की पढ़ाई की थी.

india today conclave 2018: कन्हैया कुमार india today conclave 2018: कन्हैया कुमार
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

30 साल की उम्र में भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के आरोप को लेकर छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा है कि वो इस उम्र में अपनी रिसर्च कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो ने 35 साल की उम्र में एमए की पढ़ाई की थी. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 में 'दि यंग टर्क्स- दि फ्यूचर ऑफ आइडेंटिटी पॉलिटिक्स' सेशन के दौरान उन्होंने कहा कि मोदी जी ने 35 साल की उम्र में एमए की पढ़ाई की थी, मैं तो 30 की उम्र में कम से कम पीएचडी तो कर रहा हूं.

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कॉन्क्लेव के इस सत्र में कन्हैया कुमार, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल,  JNU की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद, BJYM के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज रोहित चहल और लेखिका व स्तंभकार शुभ्रस्था ने हिस्सा लिया था. इस दौरान कन्हैया कुमार और हार्दिक पटेल ने कई मुद्दों पर बात की. केंद्र में बीजेपी सरकार का लगातार विरोध कर रहे कन्हैया कुमार और शेहला राशिद पर आरोप लगाया जा रहा था कि वो करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल करके लगातार पढ़ाई कर रहे हैं.

इस पर शेहला ने कहा, 'हम लोग भी टैक्स देते हैं. हमारे देश की स्कूलिंग ऐसी है. एमफिल करने तक 26 या इससे ज्यादा उम्र हो जाती है. हमारे यहां कहा जाता है कि जानने, सीखने, ज्ञान की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन आज जो सरकार है, वह ज्ञान के खिलाफ काम कर रही है. इनके मंत्री कहते हैं कि डार्विन की थ्योरी गलत है. इनके मिनिस्टर कहते हैं कि इतिहास बदल दो.'

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कन्हैया कुमार ने कहा, 'ये लोग व्यक्तिगत हमले इसीलिए करते हैं, क्योंकि उनके पास कहने को कुछ नहीं है. आप हमसे यह पूछ रहे हैं कि हम 30 साल तक पढ़ाई क्यों कर रहे हैं, हमारे पीएम ने 35 साल में एमए किया है, मैं तो 30 साल में पीएचडी कर रहा हूं.' इस सत्र में राजनीति की नई पीढ़ी के योगदान पर चर्चा की गई.

हार्दिक ने कहा कि सरकार स्कूल की शिक्षा को मौलिक अधिकार में रखती है लेकिन इसके बावजूद देशभर में स्कूलों की फीस लाखों रुपये में पहुंच चुकी है. क्या शिक्षा का मौलिक अधिकार इस ऊंची फीस पर मिलेगा? इस दौरान कन्हैया से राहुल ने पूछा कि क्या सिर्फ किसी एक जाति के लिए आरक्षण मांगना उचित है. इस सवाल पर कन्हैया ने कहा कि उनकी भी पहचान कई तरीकों से है. रोहित चहल ने कहा कि बीजेपी अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को आगे लाने की बात करती है.

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