
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और बीजेपी नेता विनय सहस्रबुद्धे के साथ धार्मिक मुद्दों के राजनीतिकरण पर अहम चर्चा हुई. जब बीजेपी नेता से पूछा गया कि हिन्दुत्व का राजनीतिक इस्तेमाल किसने शुरू किया. इसके जवाब में विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण का एक इतिहास रहा है और कोई इससे इनकार नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा कि हिन्दूओं का संरक्षण करने वालों को कांग्रेस के वक्त में दिक्कतें झेलने पड़ी थीं. लेकिन आज जब प्रधानमंत्री पवित्र गंगा में डुबकी लगाते हैं तो देश की जनता को उस पर गर्व होता है.
थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री अगर कैमरों के बीच गंगा में डुबकी लगाते हैं तो यह उनकी निजी पसंद है, मुझे नहीं लगता कि इससे देश के मुद्दों पर कोई असर होना चाहिए, साथ ही मुझे इससे कोई दिक्कत भी नहीं है. शशि थरूर ने कहा कि हिन्दू संस्कृति को कांग्रेस की सरकारों में नेहरू के जमाने से ही बढ़ावा दिया गया है. हिन्दुत्व से हमारी दिक्कत इसके हिन्दूवादी पहलू से नहीं है बल्कि हमें इसके नाम पर विभिन्न मुद्दों को लेकर फैलाई जा रही हिंसा से दिक्कत है.
मुस्लिमों को बनाया वोट बैंक
सहस्रबुद्धे ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को अपना पक्का वोट बैंक समझती है और इसी के चलते पूर्व में यह सभी कोशिशें इनकी ओर से की गईं. उन्होंने पूछा कि सच्चर कमेटी की जो रिपोर्ट आई, उसके लिए कौन जिम्मेदार है. दशकों तक इनकी सरकार रही, लेकिन कभी कांग्रेस ने उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान के बारे में नहीं सोचा, सिर्फ वोट बैंक के तौर पर उनका इस्तेमाल करती रही. लेकिन हमने ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया.
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया टुडे ग्रुप अपने महामंच 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' के 18वें संस्करण में देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहा है. 1 और 2 मार्च को आयोजित यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव इस बार दिल्ली में हो रहा है. इंडिया टुडे के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत राजनीति, बॉलीवुड, खेल जगत समेत अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां जुट रही हैं.