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2005 में खुद ममता ने उठाया था घुसपैठियों का मुद्दा: राम माधव

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने रोहिंग्याओं के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री राम माधव पर जमकर निशाना साधा. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि ममता ने संसद में 2005 में रोहिंग्याओं का मुद्दा उठाया था.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में राम माधव इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में राम माधव
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने 2005 में रोहिंग्याओं के खिलाफ संसद में हंगामा किया था और अब वो इन अवैध घुसपैठियों के प्रति अपना प्रेम झलका रही हैं.

उन्होंने कहा, '2005 में ममता बनर्जी ने खुद अवैध घुसपैठियों का मुद्दा संसद में उठाया था और उन्हें उस समय घुसपैठियों के पश्चिम बंगाल में होने से दिक्कत थी. लेकिन अब उन्हें उन पर प्यार आ रहा है. मैं बता दूं कि असम में लोगों के बीच किसी प्रकार का मतभेद नहीं है. ममता बनर्जी ने वहां पर अपने नेताओं को भेजकर मुद्दे को भटकाने की कोशिश की थी.'

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बता दें कि ममता बनर्जी ने 2005 में संसद में बांग्लादेश से आए घुसपैठियों के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया था. तत्कालीन लोकसभा उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल पर कागज भी फेंके थे और घुसपैठियों पर चर्चा की इजाजत नहीं मिलने पर संसद की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया था. हालांकि, स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था. ममता के इस आचरण का यूपीए और लेफ्ट के कई सदस्यों ने भी निंदा की थी.

हालांकि, ममता ने रोहिंग्याओं के मुद्दे पर अब अपना मत बदल लिया है और इसे लेकर वो केंद्र के खिलाफ खड़ी हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि एनआरसी की लिस्ट में असम में 40 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नहीं होने पर  देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो जाएगी.

ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि वह राजनीतिक फायदे के लिए असम में लाखों लोगों को 'राज्यविहीन' करने की कोशिश कर रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में कहा था, 'राजनीतिक मंशा से एनआरसी तैयार किया जा रहा है. हम ऐसा होने नहीं देंगे. वे (बीजेपी) लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. इस हालात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. देश में गृह युद्ध, खूनखराबा हो जाएगा.' उनके इस बयान के बाद असम के एक थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.

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टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार बंगाली लोगों को निशाना बना रही है और वोट बैंक की राजनीति कर रही है. ममता ने चिंता जताते हुए कहा कि 40 लाख लोग जिन्हें ड्राफ्ट से बाहर किया गया है, वो कहां जाएंगे? अगर बांग्लादेश भी उन्हें वापस नहीं लेता तो उनका क्या होगा?

बता दें कि पिछले साल से ही रोहिंग्याओं के मुद्दे पर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की सरकार के बीच ठनी हुई है. केंद्र सरकार भारत में मौजूद करीब 40,000 रोहिंग्याओं को वापस भेजने का प्लान कर रही है. लेकिन ममता इसके खिलाफ हैं.

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