
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 के दूसरे दिन का आगाज हो चुका है. कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 के पहले सत्र में त्रिणमूल कांग्रेस के नेता और पत्रकार चंदन मित्रा, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा, बीजेपी नेता मुकुल रॉय, लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी और डीवाईएफआई नेता शतरूप घोष ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया.
हाल में हुए सर्वे में पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बढ़त की संभावना पर चंदन मित्रा ने कहा कि बीते कुछ चुनावों से राज्य में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ रहा है. हालांकि चंदन मित्रा ने कहा कि सर्वे में बीजेपी को 16 सीटें जीतती दिखाई गई हैं लेकिन मित्रा ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य में 40 सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा कर रहे हैं.
इस सत्र के दौरान चंदन मित्रा ने कहा कि उनको जब महसूस हुआ कि वह बीजेपी में अपना समय खराब कर रहे हैं तब उन्होंने ममता बनर्जी का साथ पकड़ा क्योंकि टीएमसी पश्चिम बंगाल में बेहद अच्छा काम कर रही हैं. चंदन के इस जवाब पर संबित पात्रा ने कहा कि चंदन मित्रा बीजेपी के अहम नेता रहे हैं लेकिन अब वह टीएमसी से रिटायर होना चाहते हैं. संबित ने कहा कि बीजेपी ने राज्य में लगातार बढ़िया किया है. चुनाव दर चुनाव बीजेपी के आंकड़ों में बड़ा सुधार दिखा है.
बहस को आगे बढ़ाते हुए राहुल कंवल ने मुकुल रॉय से पूछा कि आखिर क्यों वह ममता का दामन छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए. मुकुल रॉय ने कहा कि ममता हमेशा से बीजेपी के साथ रही हैं लेकिन जब राज्य को आगे ले जाने का समय आया तो वह बीजेपी से दूर हो गई. मुकुल रॉय ने दावा किया कि राज्य में बीजेपी को 36 सीटों से कम नहीं मिलेगा.
इस सत्र के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि वह लगातार चार बार मुर्शीदाबाद से सांसद चुने गए हैं और यह क्षेत्र माइनॉरिटी बाहुल है. इससे साफ है कि कांग्रेस की राज्य में मजबूत पकड़ है और आगामी चुनावों में कांग्रेस टीएमसी और बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है. अधीर रंजन ने कहा कि लेफ्ट पार्टियों को अब फैसला लेने की जरूरत है कि वह ममता को पीछे छोड़ने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहना चाहती है या नहीं.
शतरूप चौधरी ने कहा कि बंगाल लेफ्ट और राइट के क्रॉसरोड पर नहीं है. यह सच है कि लेफ्ट का वोट शेयर कम हुआ है. शतरूप ने कहा कि लेफ्ट पार्टियां राज्य में रामलीला कराते नहीं देखी गई लेकिन वह टी वर्कर्स के साथ जरूर खड़ी रही.
राहुल कंवल ने सवाल किया कि क्या बीजेपी की मजबूत होती स्थिति से ममता को डर लग रहा है? चंदन मित्रा ने कहा कि बीजेपी ने रामनवमी कराना शुरू किया लेकिन बंगाल को राम सिर्फ उत्तर भारत के भगवान लगते थे. लेकिन बीजेपी ने रामनवमी मनाई औऱ ममता ने उन्हें मनाने दिया.
वहीं रामनवमी और मुहर्रम एक साथ मनाने से सांप्रदायिक माहौल खराब होने के सवाल पर संबित ने कहा कि क्या राज्य में दुर्गा पूजा और दुर्गा विसर्जन जब मुहर्रम के साथ पड़ता है तो राज्य सरकार विसर्जन पर प्रतिबंध लगाने का काम करती हैं. क्या इससे सांप्रदायिक माहौल नहीं खराब हो रहा है.