
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर दिए गए बयान की अमेरिका में भी चर्चा हो रही है. हिलेरी के इस बयान को अमेरिकी मीडिया संस्थान सीएनएन (केबल न्यूज नेटवर्क) और डेली मेल ने भी प्रमुखता से छापा है.
सीएनएन के लिए 'हिलेरी क्लिंटनः अमेरिका को ट्रंप नहीं चाहिए' शीर्षक से लिखे गए लेख में एली वाटकिन्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर हिलेरी के बयान को सुर्खी बनाया है. वाटकिन्स ने इस रिपोर्ट में कहा है कि हिलेरी ने 2016 के राष्ट्रपति चुनावों को फर्स्ट रियलिटी टीवी कैंपेन करार दिया है. वहीं डेली मेल ने न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के हवाले से खबर प्रकाशित की है और सीएनएन की तरह ही खबर की सुर्खी दी है.
बता दें कि मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रंप की बहुत तीखी आलोचना की थी. अपने संबोधन में क्लिंटन ने कहा था कि यह शर्मनाक है कि अमेरिका दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जो पेरिस समझौता का हिस्सा नहीं है. उन्होंने आगे कहा, 'क्या अमेरिका को डोनाल्ड ट्रंप चाहिए? मैं कहना चाहूंगी कि नहीं, वह हमारे लिए डिजर्व नहीं करते.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 के अंतिम सत्र 'दि ग्रेट चर्न- व्हाट हैपेन्स नाउ' में अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते समेत तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर करारा हमला बोला.
अमेरिका की पूर्व फर्स्ट लेडी हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को लगातार सुरक्षित पनाह और मदद मुहैया करा रहा है. उसने आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा, ''मैं खुद अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा से आतंकी ओसामा बिन लादेन को खोजने को कहा था.'' अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी लादेन को मारा था.