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अंबेडकरवादी सूरज येंग्दे बोले- आजादी के 70 साल बाद भी दलित सिर्फ वोट बैंक

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ-2018 में अंबेडकरवादी सूरज येंग्दे ने कहा कि भारत की आजादी के 70 साल बीत चुकी हैं, लेकिन अब भी दलित को नीति निर्धारण में हिस्सेदारी नहीं मिल रही है.

सूरज येंग्दे (फोटो- इंडिया टुडे) सूरज येंग्दे (फोटो- इंडिया टुडे)
aajtak.in
  • विशाखापट्टनम,
  • 22 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:04 AM IST

आजादी के 70 साल बाद भी देश की नीति निर्धारण में दलित को जगह नहीं मिल रही है. इस देश में दलित सिर्फ वोट बैंक बनकर रह गए हैं. ये बात अंबेडकरवादी सूरज येंग्दे ने कही. येंग्दे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले पहले दलित हैं. वो शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ-2018 के तीसरे संस्करण के अहम सत्र 'The Rage Within: Where is Ambedkar's Ethos?' में शिरकत करने पहुंचे थे.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ-2018 के तीसरे संस्करण का आगाज शुक्रवार को विशाखापट्टनम में हुआ. 'The Rage Within: Where is Ambedkar's Ethos?' सत्र में सूरज येंग्दे के साथ कांग्रेस नेता पल्लम राजू और बीजेपी नेता कृष्ण सागर राव ने हिस्सा लिया. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल ने किया.

सूरज येंग्दे ने कहा कि देश की आजादी के 70 साल गुजर चुके हैं, लेकिन अब भी नीति निर्धारण में दलित को जगह नहीं मिल रही है. इसकी शुरुआत आजादी के समय से ही हो गई थी. स्वतंत्रता के बाद बनी पहली कैबिनेट में भी दलित को जगह नहीं मिली थी. राजनेता दलितों के साथ इंसानों की तरह बर्ताव नहीं करते हैं. इसके चलते आज तक दलित इस देश में सिर्फ वोट बैंक बनकर रह गए हैं. देश की नीति निर्धारण में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं है.

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इस दौरान पल्लम राजू ने कहा कि कई जगह अब भी दलितों पर अत्याचार होता है. हालांकि पहले की अपेक्षा वर्तमान में दलितों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. आज दलित इतने पीछे नहीं है, जितने वो पहले थे. हालांकि सूरज येंग्दे का कहना है कि बीते दशकों में राजनीतिक पार्टियों ने दलित एलीट तैयार किया है, जो उनके हित की बात करता है. वहीं, ज्यादातर दलित अब भी उत्पीड़न के शिकार हैं.

शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ-2018 के तीसरे संस्करण के पहले दिन अभिनेत्री अदिति राव हैदरी और तमिल फिल्म मेकर व डायरेक्टर पीए रंजीथ ने भी शिरकत की. अब 22 दिसंबर को कॉन्क्लेव के आखिरी दिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू मंच पर मौजूद रहेंगे. राष्ट्रीय दलों के अन्य दिग्गज नेताओं के अलावा कॉन्क्लेव पर दक्षिण भारत से कलाकार शिरकत करेंगे.

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