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इंडिया टुडे-कार्वी के मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल (MOTN, जुलाई 2018) ने देश की सियासी नब्ज को समझने के लिए सर्वे किया. सर्वे के मुताबिक देश के आधे से ज्यादा लोग मानते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा होगा.
सर्वे के मुताबिक 52 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो मानते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा लोकसभा चुनाव में बनेगा. जबकि 33 फीसदी लोग मानते हैं कि ये मुद्दा नहीं रहेगा. वहीं, 15 फीसदी लोग ऐसे भी हैं, जिनकी इस मुद्दे पर कोई राय नहीं है.
हालांकि अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे को लेकर जनवरी में किए सर्वे में 48 फीसदी लोगों का मानना था कि चुनाव में राम मंदिर मुद्दा होगा और 38 फीसदी ऐसे लोग थे जिन्होंने जवाब नहीं में दिया था. जबकि 19 फीसदी ऐसे लोग थे जिनकी कोई राय नहीं थी.
अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट में चल रही है. साधु-संत लगातार बीजेपी पर राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव बनाने में जुटे हैं. दो दिन पहले ही यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा था कि अगर कोई विकल्प नहीं बचता है, तो केंद्र सरकार इसके लिए सदन में कानून ला सकती है.
हालांकि, मौजूदा वक्त में संसद के दोनों सदनों में बहुमत न होने का हवाला देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने चुनावी संकेत भी दे दिए. मौर्य ने कहा, 'राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस पर लगातार सुनवाई चल रही है. हमें आशा है कि जल्द ही इस पर फैसला आएगा.'
केशव प्रसाद मौर्य ने संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत न होने का हवाला देते हुए ये भी कहा था कि अभी राम मंदिर निर्माण के लिए वह कानून नहीं ला सकते हैं क्योंकि उसे राज्यसभा से पास कराने में मुश्किल आएगी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस संबंध में कानून ला सकती है, जब बीजेपी के पास दोनों सदनों में पर्याप्त संख्याबल होगा. मौर्य ने कहा, 'जब ऐसी स्थिति आएगी कि कानून लाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा और दोनों सदनों में बीजेपी के पास पर्याप्त सांसद होंगे, ये दोनों बातें याद रखनी हैं.'
मौर्य ने कहा, 'अभी संसद में हमारे (बीजेपी) पास पर्याप्त संख्या नहीं हैं. अगर हम लोकसभा में कानून लाते हैं तो राज्यसभा में कम संख्या होने के चलते हम निश्चित रूप से हार जाएंगे.' मौर्य ने ये भी कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण विश्व हिंदू परिषद के स्वर्गीय नेता अशोक सिंघल, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख रामचंद्र दास परमहंस और मारे गए कारसेवकों को श्रद्धांजलि होगी.