
भारत रोहिंग्या मुसलमानों के एक परिवार को म्यांमार भेजेगा. इस परिवार में पांच लोग हैं और इन्हें पुलिस एक बस से म्यांमार की सीमा तक लेकर गई. पिछले चार महीने में भारत द्वारा अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने का दूसरा मामला है.
गौरतलब है कि केंद्र की एनडीए सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध प्रवासी मानती है और देश की सुरक्षा के लिए उन्हें एक खतरे की तरह देखती है. सरकार ने आदेश दिया है कि रोहिंग्या समुदाय के भारत में अवैध तरीके से रह रहे हजारों लोगों की पहचान की जाए और वापस भेजा जाए.
गुरुवार को जिस परिवार को वापस भेजा जा रहा है, उसमें पति-पत्नी और उनके तीन बच्चे हैं. उन्हें साल 2014 में असम में गिरफ्तार किया गया था और वैध दस्तावेज के बिना भारत में प्रवेश के लिए जेल भेज दिया गया था.
असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया, 'वे पांचों लोग पड़ोस के मणिपुर राज्य में सीमा के गेट पर मौजूद हैं. हम उन्हें औपचारिक रूप से सौंपने के लिए म्यांमार के अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि असम की जेलों में करीब 20 और ऐसे म्यांमार के नागरिक मौजूद हैं, जिन्हें भारत में अवैध प्रवेश के लिए गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, यह साफ नहीं है कि वे सभी लोग रोहिंग्या ही हैं या नहीं.
रोहिंग्या बौद्ध बहुल म्यांमार की ऐसी मुस्लिम जनसंख्या हैं जिन्हें म्यांमार भी अपना मानने को तैयार नहीं है. इस तरह से देखें तो वे देशहीन नागरिक हो चुके हैं.
महंत ने कहा, 'हमें एक बार म्यांमार से उनकी यात्रा परमिट मिल जाने के बाद उन्हें वापस भेज दिया जाएगा.' महंत ने कहा कि ऐसे ज्यादातर लोग रोजगार की तलाश में भारत में घुस आए थे.
इसके पहले पिछले साल अक्टूबर माह में भारत ने पहली बार सात रोहिंग्या मर्दों को वापस म्यांमार भेजा था, जो शरणार्थी शिविरों में रह रहे थे. यह पता नहीं चल पाया है कि म्यांमार वापस भेजे गए लोग किस हालत में हैं. भारत सरकार का अनमुान है कि यहां करीब 40,000 रोहिंग्या विभिन्न हिस्सों में शिविरों में रह रहे हैं.