
सुरक्षा दृष्टि के मद्देनजर भारत लगातार अपनी सेना को मजबूत करने का काम कर रहा है. वायुसेना के पास जल्द ही अमेरिका निर्मित चिनूक हेलिकॉप्टर और अपाचे हेलिकॉप्टर आने वाले हैं. इनका पहला बैच मार्च 2019 तक वायुसेना को उपलब्ध होगा, इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी. बता दें कि अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में शामिल है, जबकि चिनूक भारी सामान को उठाने में सहायक है.
गौरतलब है कि भारत अमेरिका की बोइंग कंपनी से कुल 15 चिनूक और 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीद रहा है. इसके लिए दोनों देशों में कुल 3 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ है, ये सभी हेलिकॉप्टर कुछ चरणों में भारत पहुंचेंगे. पहले चरण की डिलीवरी के लिए अमेरिकी सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. पहले चरण में चिनूक-अपाचे गुजरात के पोर्ट पर मार्च में पहुंचेंगे.
अधिकारियों की मानें तो चिनूक हेलिकॉप्टर को चंडीगढ़ में तैनात किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल सियाचिन और लद्दाख जैसे सेक्टरों को लेकर किया जाएगा. जबकि अपाचे हेलिकॉप्टर को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर तैनात किया जाएगा.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना अभी तक काफी हद तक रूसी Mi-17 जैसे मिडियम श्रेणी के लिफ्ट हेलिकॉप्टरों पर आश्रित थी, लेकिन इनके आने से मजबूती मिलेगी.
अमेरिकी रक्षा मंत्री पद से जेम्स मैटिस की विदाई होने के बाद ये डील अधर में जाती हुई दिख रही थी. लेकिन उनकी जगह आए पैट्रिक शेनॉन ने भी भारत के साथ इस डील में दिलचस्पी दिखाई और इसे तुरंत हरी झंडी दे दी.
आपको बता दें कि चिनूक हेलीकॉप्टर जल्द ही वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं. अभी कुछ समय पहले ही इन हेलिकॉप्टरों के इस्तेमाल के लिए वायुसेना को ट्रेनिंग भी दी गई थी. इस हेलिकॉप्टर में एक बार में गोला बारूद, हथियार के अलावा 300 सैनिक भी जा सकते हैं.