
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सैन्यकर्मियों के शवों को कथित रूप से 'उचित सम्मान' न दिए जाने को लेकर कई लोगों में आक्रोश है. दरअसल भारतीय वायुसेना का एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर दुघर्टनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में दो पायलटों समेत पांच वायु सेनाकर्मियों और थल सेना के दो सैनिकों की मौत हो गई.
उत्तरी सैन्य कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एचएस पनाग ने शवों की तस्वीर ट्वीट करते हुए में कहा, 'सात युवा अपनी मातृभूमि भारत की सेवा करने के लिए दिन के उजाले में निकले और वे अपने घर इस तरह आए.'
इस तस्वीर में सैनिकों के पार्थिव शरीर प्लास्टिक की बोरियों और कार्डबोर्ड में बंधे हुए दिख रहे थे, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय को लेकर नराजगी जताई और सैनिकों के शवों के इस व्यवहार को शर्मनाक बताया.
हालांकि शहीदों की यह बस पहली तस्वीर थी. सेना के सूत्रों ने बताया हेलिकॉप्टर क्रैश में ये शव बुरी तरह झुलस गए थे और शवों को और ज्यादा नुकसान से बचाने के लिए उन्हें वहां से तुरंत हटाना जरूरी था. सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में सीमित संसाधनों के कारण हेलिकॉप्टर ज्यादा भार नहीं ले जा सकते. इसी कारण शवों को बॉडी बैग्स या ताबूत के बजाय वहां उपलब्ध स्थानीय संसाधनों में लपेटे गए.
इसमें साथ ही बताया गया कि गुवाहाटी बेस हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के तुरंत बाद शवों को लकड़ी के ताबूत में रखा गया और पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि देने के बाद सभी जवानों के शवों को उनके परिजन के पास भेजा गया. सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद भारतीय सेना ने शहीदों के श्रद्धांजलि की तस्वीरें भी ट्वीट की.
हालांकि सेना ने इस मामले पर खेद जताते हुए कहा कि शहीदों के शवों को इस तरह लपेटना 'भूल' थी . उन्होंने कहा कि मृत सैनिकों को हमेशा पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाता है. शवों को बॉडी बैग्स, लकड़ी के बक्से, ताबूत में लाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.