
भारत को इस साल सितंबर तक राफेल लड़ाकू विमान मिल जाएंगे. फ्रांस में एक समारोह में आधिकारिक तौर पर अत्याधुनिक युद्धक विमानों को भारतीय वायुसेना (IAF) को सौंपने की योजना बनाई जा रही है. ये लड़ाकू विमान अत्याधुनिक यंत्रों से लैस हैं, जो 300 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम होंगे. राफेल विमान को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किए जाने से पहले भारतीय पायलट इसका लंबा परीक्षण करेंगे.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा पर निगरानी और कार्रवाई के लिए राफेल लड़ाकू विमानों को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा. सबसे पहले 17 स्क्वाड्रन को राफेल विमान मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट बताती है कि भारतीय वायुसेना के पायलट राफेल को उड़ाने के लिए फ्रांस में ट्रेनिंग हासिल करेंगे जो कि भारत-फ्रांस के बीच हुए करार का हिस्सा है. हालांकि भारतीय टीम राफेल परियोजना को समझने के लिए पहले से ही फ्रांस में है. राफेल की ताकत से रू-ब-रू होने के लिए भारतीय पायलट फ्रांस के साथ अभ्यास कर रहे हैं.
अभी, भारतीय वायु सेना की एक टीम दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के मोंट डे मार्सन में मौजूद है. इस टीम में चार एसयू 30 एमकेआई लड़ाकू विमान शामिल हैं. यह टीम गरुड़ के नवीनतम संस्करण के लिए युद्धाभ्यास कर रही है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना ने इस साल मई में अरब सागर में वरुण श्रृंखला के दौरान राफेल के साथ अभ्यास किया था.
वायुसेना के वरिष्ठ अफसरों ने बताया कि पाकिस्तानी वायु सेना के सभी लड़ाकू विमान राफेल की मारक क्षमता के दायरे में होंगे. यानी राफेल पाकिस्तान के सभी लड़ाकू विमानों को मार गिराने की क्षमता रखता है. राफेल पूरे पाकिस्तान को कवर करेगा.