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वायुसेना का ग्रुप कैप्टन खुफिया जानकारी PAK भेजने के आरोप में गिरफ्तार, हनीट्रैप से फांसा

ग्रुप कैप्टन पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया. उसे पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
अरविंद ओझा/राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:48 AM IST

भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन को खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने हनीट्रैप के जरिए ग्रुप कैप्टन से खुफिया जानकारी हासिल की. ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह फेसबुक के जरिए दो महिलाओं के संपर्क में आया था. बाद में वह खुफिया जानकारी वॉट्सएप के जरिए भेजने लगा.

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10 दिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार

ग्रुप कैप्टन पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया. उसे पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है.

सोशल मीडिया के जरिए महिला से दोस्ती

उसने एक सोशल मीडिया वेबसाइट के जरिए महिला से दोस्ती की थी. वायुसेना ने इस मामले में अभी आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है. अधिकारी दोषी पाया गया तो उसे सात साल तक की जेल हो सकती है.

वायुसेना के मुख्यालय में था तैनात

अधिकारी वायुसेना मुख्यालय में तैनात था. सूत्रों के मुताबिक वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया कि अधिकारी अनधिकृत इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में लिप्त था.

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सेना में सोशल मीडिया के लिए सख्त हैं नियम

सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त संहिता है. इसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है. उन्हें वर्दी में अपनी तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी है.

हनी ट्रैप का सहारा लेती रही है ISI

बताते चलें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही है. इसमें जवानों को मोहरा बनाया जा रहा है. साल 2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को अरेस्ट किया गया था.

बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था. उसे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था. उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था.

इसी छानबीन में पता चला है कि मामले की शुरुआत फेसबुक चैटिंग से हुई थी. पाकिस्तानी एजेंट उससे फेक फेसबुक अकाउंट के जरिए बातचीत करती थी. पाकिस्तानी महिला एजेंट ने रंजीत को जॉब ऑफर करने के बहाने संपर्क किया था.

दोनों के बीच बातचीत फेसबुक, स्काइप और व्हाट्सएप पर हुई थी. इस दौरान रंजीत ने ऐसी कई गुप्त जानकारियां एजेंट को दे दीं, जो सेना के लिहाज से अहम थीं. उसने विमानों की सटीक संख्या का खुलासा कर दिया था.

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