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बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट हुए आतंकी हमले में एक भारतीय लड़की की भी मौत हो गई है. ढाका में मौजूदा भारतीय दूतावास ने 19 साल की तारिषी जैन की मौत की पुष्टि कर दी है. इस हमले में कुल 20 लोगों की मौत हुई है. तारिषी का शव 4 जुलाई को भारत लाया जाएगा. इसकी जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी.
तारिषी के परिवार से विदेश मंत्री ने की बात
विदेश मंत्री ने सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर तारिषी की मौत पर संवेदवा व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मुझे ये बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि आतंकियों द्वारा बंधक बनाई गई भारतीय लड़की तारिषी की मौत हो गई'. सुषमा ने कहा कि इस दुख की घड़ी में वो तारिषी के परिवार से साथ खड़ी हैं और उन्हें हरसंभव मदद की कोशिश की जा रही है. फिलहाल मंत्रालय तारिषी के परिवार के लिए वीजा का व्यवस्था कराने में जुटा है.
तारिषी का शव सोमवार को भारत लाया जाएगा. इसकी जानकारी विदेश मंत्री ने दी. तारिषी उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की रहने वाली थी.
बांग्लादेश छुट्टियां मनाई गई थी तारिषी
तारिषी अमेरिका में पढाई कर रही थी और बांग्लादेश में छुट्टियां मनाने गई हुई थी, उसकी मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया है. जिस वक्त आतंकी हमला हुआ तारिषी रेस्टोरेंट में खाना खाने गई थी. अब फिरोजाबाद में परिवार बेटी के शव का इंतजार कर रहा है.
पीएम मोदी ने हमले की निंदा की
बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गहरा दुख जताया है. उन्होंने बांग्लादेश के पीएम शेख हसीना से फोन पर बात की और इस दुख की घड़ी में हरसंभव मदद का भरोसा दिया. साथ ही पीएम मोदी ने हमले में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की.
हमले में कुल 20 लोगों की मौत
वहीं बांग्लादेश की राजधानी ढाका के उच्च सुरक्षा वाले राजनयिक इलाके के स्पेनिश रेस्टोरेंट होली आर्टिसन में बंधक संकट शनिवार को खत्म हो गया. आईएसआईएस के आतंकवादियों के निर्मम हमले में 20 विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी गई. जवाबी कार्रवाई में बांग्लादेशी कमांडो ने 6 आतंकवादियों को भी मार गिराया और एक को जिंदा पकड़ लिया.
ज्यादातर बंधकों की गला रेतकर हत्या
सैन्य अभियान महानिदेशक ब्रिगेडियर जनरल नईम अशफाक चौधरी ने बताया कि सशस्त्र बलों के नेतृत्व में साझा अभियान शुरू होने से पहले ही आतंकवादियों ने 20 बंधकों की निर्मम हत्या कर दी. जिन लोगों को मौत के घाट उतारा गया उनमें से ज्यादातर का गला काटा गया था. मारे गए सभी 20 बंधक विदेशी नागरिक थे, जिनमें ज्यादा जापानी या इतालवी हैं.