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मरीजों और अस्पतालों के बीच बिगड़ते रिश्तों पर सेल्फ रेग्युलेशन लेकर आया IMA

अब IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अस्पतालों और डॉक्टरों के साथ मरीजों के रिश्ते को मजबूत करने के इरादे से 31 बिंदुओं के साथ कुछ सुझाव दिए हैं, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भेजा जाएगा.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की पहल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की पहल
सुरभि गुप्ता/रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

दिल्ली एनसीआर में निजी अस्पतालों में एक के बाद एक लापरवाही के मामले सामने आने के बाद निजी अस्पतालों और डाक्टरों पर सवाल उठने लगे हैं. हाल ही में दिल्ली सरकार ने जीवित बच्चे को मरा हुआ बताकर परिजनों को सौंपने के मामले में मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग का लाइसेंस रद्द किया था. हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द होने के बाद दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की थी.

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अब IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अस्पतालों और डॉक्टरों के साथ मरीजों के रिश्ते को मजबूत करने के इरादे से 31 बिंदुओं के साथ कुछ सुझाव दिए हैं, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भेजा जाएगा. ताकि सभी निजी और सरकारी अस्पताल और डॉक्टर इन सुझावों का पालन कर मेडिकल प्रोफेशन पर भरोसा कायम रखें.

IMA के नेशनल प्रेजिडेंट केके अग्रवाल के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से निजी अस्पतालों से लापरवाही के मामले सामने आए, अस्पतालों को चोर, लूटेरा कहा गया, डॉक्टरों को कातिल बुलाया गया. जिस तरह का मीडिया ट्रायल हुआ, उससे सभी मेडिकल प्रोफेशन के लोग आहत हैं. हमें लगता है कि मरीजों का डॉक्टरों पर भरोसा कम हुआ है. इसीलिए हमने कोशिश की है कि इलाज की पूरी प्रक्रिया के दौरान जहां-जहां सवाल उठाए जा रहे हैं या जहां कोई कमी है, उसे दुरुस्त किया जाए.

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इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर देना होगा ध्यान—

1. सभी डॉक्टरों को IMA की ALERT पॉलिसी अपनानी होगी, यानी ध्यान से सुनने, समझने, समझाने, समीक्षा करने और धन्यवाद कहने की जरूरत है.

2. सभी राज्यों में मेडिकल रिड्रेसल कमीशन का गठन किया जाए.

3. एक दवा-एक कीमत-एक कम्पनी की नीति बनाई जाए ताकि महंगी दवाइयों की शिकायत दूर हो सके.

4. डॉक्टरों से अपील है कि essential medicine की कैटेगरी में आने वाली दवाओं को प्राथमिकता दें.

5. डिस्पोजेबल essential (सीरिंज, ग्लव्स) की प्राइसिंग को फिक्स करें.

6. 20 से 40 फीसदी निजी हॉस्पिटल के बिल में कमी आएगी, अगर अस्पतालों के एसेंशियल चीजों की प्राइस सरकार फिक्स कर दे.

7. ये अनिवार्य कर रहे हैं कि निजी अस्पताल डबल सर्विस चार्जेज नहीं लेगा.

8. मरीज को हर चीज की जानकारी देना अनिवार्य होगा यानी बीमारी के इलाज के दौरान होने वाले कॉम्प्लिकेशन और उससे संबंधित खर्चों की जानकारी मरीज के दाखिले के समय ही बताना होगा.

9. राज्य सरकार प्राइवेट सेक्टर के ICU को सब्सिडी दे.

10. BPL, APL, EWS मरीजों को सुविधाएं मिले, भेदभाव ना करें.

11. अस्पताल और डॉक्टर्स दोनों के एक ही नियम लागू होगा.

12. जल्द ही LAMA policy लाएंगे क्योंकि फिलहाल LAMA के लिए कोई फिक्स गाइडलाइन नहीं है.

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13. डेड बॉडी से सम्मानजनक व्यवहार करें, पेमेंट को लेकर ICU मरीज का ट्रीटमेंट बंद ना करें.

14. ट्रांसजेंडर मरीजों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की अपील, इसके लिए अलग से टॉयलेट आदि की व्यवस्था की जाए.

15. किसी भी तरह की जांच (स्पेशल) की आवश्यकता क्यों जरूरी इसके बारे में मरीज के परिजनों को पूरी जानकारी दी जाए.

IMA ने कहा की इन सुझावों को वो दिल्ली सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज रहा है ताकि इसे गाइडलाइन बनाकर सरकार सख्ती से लागू करा सके.

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