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Indian Railways: 12 प्राइवेट ट्रेनें 2023 से शुरू! यूं 30 हजार करोड़ जुटाएगा रेलवे

IRCTC, Indian Railways to introduce 12 private trains by 2023: प्राइवेट ट्रेनें चलाने की दिशा में रेलवे ने टाइमलाइन जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2026-27 तक कुल 151 प्राइवेट ट्रेनें शुरू करने की योजना है. इसके तहत 2023 में प्राइवेट ट्रेनों के पहले सेट की शुरुआत होगी.

Indian Railways to introduce 12 private trains by 2023 Indian Railways to introduce 12 private trains by 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

  • 2023 में 12 प्राइवेट ट्रेनें चलाएगा रेलवे
  • 2027 तक 151 प्राइवेट ट्रेनें होंगी शुरू

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने वर्ष 2023 से ही प्राइवेट ट्रेनें चलाने की शुरुआत करने का फैसला किया है. प्राइवेट ट्रेनें चलाने की दिशा में रेलवे ने टाइमलाइन जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2026-27 तक कुल 151 प्राइवेट ट्रेनें शुरू करने की योजना है. इसके तहत 2023 में प्राइवेट ट्रेनों के पहले सेट की शुरुआत होगी. जिसमें 12 ट्रेनें चलाई जाएंगी.

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2027 तक चलेंगी कुल 151 प्राइवेट ट्रेनें

वित्त वर्ष ट्रेनों की संख्या
2022-23 12
2023-24 45
2025-26 50
2026-27 44

दरअसल, रेलवे ने अपने नेटवर्क पर प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है. इसके तहत जुलाई महीने की शुरुआत में रेलवे ने 151 मॉडर्न पैसेंजर ट्रेनें चलाने के लिए प्राइवेट सेक्टर से प्रस्ताव मांगे हैं. प्राइवेट ट्रेनें 109 जोड़ी रूट पर चलाई जाएंगी. इन ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों की ओर से शुरुआत में करीब 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

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प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए भारतीय रेलवे ने 8 जुलाई को रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) के लिए विज्ञापन जारी किया था. प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन प्रोसेस के नवंबर तक फाइनल होने की उम्मीद है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मार्च 2021 तक निविदाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा और मार्च 2023 से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा.

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रेलवे के अनुसार, इनमें से 70 फीसदी प्राइवेट ट्रेनों का निर्माण भारत में 'मेक इन इंडिया' के तहत होगा. इसे चलाने वाली प्राइवेट कंपनी ही उसके मेंटेनेंस, खरीद और ट्रांसपोर्टेशन के लिए जिम्मेदार होगी. बताया जा रहा है कि प्रत्येक ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे होंगे. ट्रेनों को ऐसे डिजाइन किया जाएगा कि वे 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी.

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ट्रेनों को चलाने वाला प्राइवेट यूनिट, भारतीय रेलवे को ढुलाई शुल्क, वास्तविक खपत के आधार पर बिजली का पैसा देगा. जिससे रेलवे को इन 151 ट्रेनों के परिचालन से प्रति वर्ष लगभग 3,000 करोड़ रुपये भाड़े के तौर पर मिलने की उम्मीद है. इन प्राइवेट ट्रेनों पर भारतीय रेलवे के ड्राइवर और गार्ड ही रखे जाएंगे.

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