
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत ने अपनी हवाई ताकत को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिए अमेरिका से इंटीग्रेटेड एअर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) की खरीदारी की जाएगी. 1.9 बिलियन डॉलर की इस डील को अमेरिका ने मंजूरी दे दी है.
अमेरिका की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने सोमवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को इंटीग्रेटेड एअर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) बेचने के अपने दृढ़ संकल्प के अमेरिकी कांग्रेस को बता दिया है. पूरे सिस्टम की लागत 1.867 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगी.
हवाई हमले से बचने की तैयारी
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि भारत नई तकनीकी का इस्तेमाल अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए करना चाहता है और हवाई हमले के खतरे बचने के लिए अपनी मौजूदा वायु रक्षा प्रणाली का विस्तार करना चाहता है.
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भारत आ रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप
इस महीने के आखिर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संभावित भारत यात्रा है. ट्रंप 24 और 25 फरवरी के बीच भारत की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते होंगे. इसमें इंटीग्रेटेड एअर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) भी शामिल है.
इन हथियारों की खरीद करेगा भारत
भारत ने अमेरिका से IADWS खरीदने का अनुरोध किया था. इसके अलावा भारत पांच AN / MPQ-64Fl सेनटिनल रडार सिस्टम; 118 AMRAAM AIM-120C-7 / C-8 मिसाइल; तीन AMRAAM गाइडेंस सेक्शन; चार AMAMAM कंट्रोल सेक्शन; और 134 स्टिंगर FIM-92L मिसाइल भी खरीदेगा.
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इसके अलावा 32 एम 4 ए 1 राइफल (40,32) एम 855 5.56 मिमी कारटेज; फायर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (एफडीसी); हैंडहेल्ड रिमोट टर्मिनल; इलेक्ट्रिकल ऑप्टिकल / इन्फ्रारेड (ईओ / आईआर) सेंसर सिस्टम; AMRAAM नॉन-डेवलेपमेंटल आइउटम-एयरबोर्न इंस्ट्रूमेंटेशन यूनिट्स (NDIAIU); मल्टी-स्पेक्ट्रल टारगेटिंग सिस्टम-मॉडल ए (एमटीएस-ए); और कनस्तर लांचर (CN); हाई मोबिलिटी लांचर (एचएमएल) शामिल है.
दोनों देशों के सामरिक संबंध होंगे मजबूत
भारत डुअल माउंट स्टिंगर (डीएमएस) वायु रक्षा प्रणाली है और व्हीकल माउंटेड स्टिंगर रैपिड रेंजर एयर डिफेंस सिस्टम की भी खरीदारी करेगा. अमेरिका का कहना है कि इस डिफेंस डील से दोनों देशों के सामरिक संबंध मजबूत होंगे और दोनों देशों की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में इजाफा होगा.